PFI Ban: बैन लगने के बाद कट्टरपंथी इस्लामी संगठन PFI की हर एक निशानी लगी मिटने, प्रतिबंध पर मुस्लिम संगठन बोले…
केंद्र सरकार ने बीते कल यानी बुधवार को पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर 5 साल के बैन का एलान किया था। बैन लगाने से पहले केंद्रीय जांच एजेंसियों ने 22 और 27 सितंबर को पीएफआई के बड़े नेताओं और ठिकानों पर जबरदस्त छापेमारी की थी। इस छापेमारी से पता चला था कि पीएफआई पीएम नरेंद्र मोदी को भी निशाना बनाने वाला था।
नई दिल्ली। बैन लगने के एक दिन के बाद अब कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI की हर एक निशानी मिटने लगी है। केंद्र सरकार के निर्देश पर ट्विटर Twitter ने पीएफआई के हैंडल को बंद कर दिया है। पीएफआई के अलावा उसके जिन सहयोगी संगठनों पर बैन लगा है, उनके ट्विटर हैंडल्स के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई होने जा रही है।
इस बीच, तमाम मुस्लिम संगठनों ने पीएफआई पर बैन लगाने के सरकार के कदम का स्वागत किया है। मुस्लिमों में सबसे ज्यादा आबादी वाले पसमांदा मुसलमानों के संगठन ‘ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज’ ने बयान जारी कर कहा है कि देश में भारतीय संविधान के खिलाफ और असामाजिक गतिविधियों में लिप्त तथाकथित सामाजिक संगठन पीएफआई पर छापेमारी हुई। इससे जो तथ्य सामने आए, उससे जगजाहिर हो गया है कि पीएफआई देश के भीतर सौहार्द और भाईचारे के खिलाफ काम कर रहा था। साथ ही देश के खिलाफ भी पीएफआई के लोग काम कर रहे थे।
पसमांदा मुस्लिमों के संगठन ने कहा है कि पीएफआई के अलावा और भी जो सामाजिक संगठन देशहित की दुहाई देकर खुद को सही बताते हैं, उनको भी अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ काम करने की मंजूरी कतई नहीं मिलनी चाहिए। बता दें कि पसमांदा का मतलब पिछड़ा हुआ होता है। भारतीय मुसलमानों में इस वर्ग के करीब 85 फीसदी लोग हैं। वहीं, मुस्लिमों के एक और संगठन सूफी खानकाह एसोसिएशन ने भी पीएफआई पर बैन लगने को सही बताया है। सूफी खानकाह एसोसिएशन काफी दिनों से पीएफआई पर बैन लगाने की मांग कर रहा था।
@SufiAssociation के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष खालिद नकवी जी का वक्तव्य हमारी शिकायतों ज्ञापनों व देश के खिलाफ जानकारियों को गंभीरता से लिया और पीएफआई को प्रतिबंधित करने का जो कार्य किया है वो सराहनीय है हम सभी संगठन के पदाधिकारियों की ओर से की भूरी भूरी प्रशंसा करते है#सखा
1 pic.twitter.com/UdIgLQiNAY— Sufi Khanqah Association (@SufiAssociation) September 28, 2022
केंद्र सरकार ने बीते कल यानी बुधवार को पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर 5 साल के बैन का एलान किया था। बैन लगाने से पहले केंद्रीय जांच एजेंसियों ने 22 और 27 सितंबर को पीएफआई के बड़े नेताओं और ठिकानों पर जबरदस्त छापेमारी की थी। इस छापेमारी से पता चला था कि पीएफआई पीएम नरेंद्र मोदी को भी निशाना बनाने वाला था। साथ ही उसने दंगे भड़काने और विरोधियों की जान लेने के लिए 120 करोड़ का फंड भी जुटाया था। कुछ महीने पहले ही पीएफआई के दो कारकून बिहार के फुलवारी शरीफ में धरे गए थे। उनसे एक दस्तावेज बरामद हुआ था। जिसमें लिखा था कि पीएफआई 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की साजिश पर काम कर रहा था।