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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस : सीबीआई की रिपोर्ट में दावा – किसी भी नाबालिग लड़की के कंकाल नहीं

सीबीआई ने यह भी कहा कि बिहार सरकार से आग्रह किया गया है कि विभागीय कार्रवाई करे और सीबीआई के प्रारूप में जांच परिणाम मुहैया कर संबंधित एनजीओ का पंजीकरण रद्द करने और उन्हें काली सूची में डालने के लिए कहा गया है।

नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल की है, जिसमें बताया है कि किसी लड़की की हत्या शेल्टर होम में नहीं हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जो कंकाल मिले है उसमें कोई भी नाबालिग लड़की का कंकाल नहीं है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन उत्पीड़न के 17 मामलों में जांच पूरी हो गई है।

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बता दें कि सीबीआई को जांच में हत्या का कोई सबूत नहीं मिला है, जिनकी हत्या होने का शक था वो सभी 35 लड़कियां जीवित मिलीं है। अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि सीबीआई जांच में साफ हुआ है कि किसी नाबालिग की शेल्टर होम में हत्या नहीं हुई है।

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सीबीआई ने स्थिति रिपोर्ट में कहा, ”सभी 17 आश्रय गृह मामलों में जांच पूरी हो गई है। 13 नियमित मामलों में अंतिम रिपोर्ट सक्षम अदालत को भेजी गई है। चार प्रारंभिक मामलों की जांच पूरी हो गई है और आपराधिक कृत्य को साबित करने वाले साक्ष्य नहीं मिले और इसलिए इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।

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सीबीआई ने यह भी कहा कि बिहार सरकार से आग्रह किया गया है कि विभागीय कार्रवाई करे और सीबीआई के प्रारूप में जांच परिणाम मुहैया कर संबंधित एनजीओ का पंजीकरण रद्द करने और उन्हें काली सूची में डालने के लिए कहा गया है। बालिका गृह मुजफ्फरपुर के एक मामले में सुनवाई पूरी हो गई है और फैसला 14 जनवरी तक सुनाया जाएगा। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ की ओर से संचालित आश्रय गृह में कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया था और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की रिपोर्ट के बाद मामला प्रकाश में आया था।