नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की एक फोटो वायरल हो रही है जिसमें वो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(RSS) के पहनावे में दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा इस फोटो की चर्चा इसलिए भी है क्योंकि इस फोटो में पीएम मोदी के साथ भारत रत्न नानाजी देशमुख भी हैं। आप इस तस्वीर को देखेंगे तो इसमें पीएम मोदी और नानाजी देशमुख, दोनों खाकी हाफ पैंट पहने हुए दिखाई दे रहे हैं, जो कभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के आधिकारिक पहनावे हिस्सा था। हालांकि अब इस पहनावे को RSS ने बदल दिया है। इस फोटो के बारे में बताया जा रहा है कि यह तस्वीर तब ली गई थी जब आरएसएस के सरसंघचालक बालासाहेब देवरस थे। आपको बता दें कि नानाजी देशमुख का जन्म 11 अक्टूबर 1916 को हिंगोली जिले के कडोली नामक छोटे से कस्बे में मराठा परिवार हुआ था। वैसे तो इन्हें पूरा भारत नानाजी देशमुख के नाम से जानती है लेकिन इनका पूरा नाम चंडिकादास अमृतराव देशमुख था।
संघर्षों में बीते जीवन में नानाजी देशमुख ने काफी अभाव के बाद भी पिलानी के बिरला इंस्टीट्यूट से उच्च शिक्षा प्राप्त की। अपनी शिक्षा प्राप्ति के लिए उन्हें सब्जी तक बेचनी पड़ी। नानाजी देशमुख 1930 में वे आरएसएस में शामिल हुए थे और उन्होंने राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अपना कर्मक्षेत्र बनाया।
नानाजी देशमुख जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य थे और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठतम सदस्यों में से एक थे। एक सामाजिक कार्यकर्ता, नानाजी ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 500 से अधिक गांवों में सामाजिक पुनर्गठन कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में भी काम किया।
नानाजी देशमुख की प्रशंसा करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, “महान नानाजी देशमुख लोकनायक जेपी के सबसे कट्टर अनुयायियों में से एक थे। उन्होंने जेपी के विचारों और आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए अथक प्रयास किया। ग्रामीण विकास के प्रति उनका अपना कार्य हमें प्रेरित करता है। उनकी जयंती पर भारत रत्न नानाजी देशमुख को याद करते हुए।”
The great Nanaji Deshmukh was one of Loknayak JP’s most devout followers. He worked tirelessly to popularise JP’s thoughts and ideals. His own work towards rural development motivates us. Remembering Bharat Ratna Nanaji Deshmukh on his Jayanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2020
नानाजी देशमुख के बारे में कहा जाता है कि एक बार प्रदर्शन के दौरान उन्होंने जेपी आन्दोलन में जयप्रकाश नारायण पर बरस रहीं पुलिस की लाठियों से उन्हें बचाया था। उस समय नानाजी ने जयप्रकाश को सुरक्षित निकाल लिया था और इसी वजह से भी पीएम ने उन्हें उनकी जयंती पर याद किया था। 1980 में साठ साल की उम्र में उन्होंने सक्रिय राजनीति से सन्यास लेकर आदर्श की स्थापना की। बाद में उन्होंने अपना पूरा जीवन सामाजिक और रचनात्मक कार्यों में लगा दिया। वे आश्रमों में रहे और कभी अपना प्रचार नहीं किया। उन्होंने दीनदयाल शोध संस्थान की स्थापना की और उसमें रहकर समाज-सेवा की। उन्होंने चित्रकूट में चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय की स्थापना की। यह भारत का पहला ग्रामीण विश्वविद्यालय है और वे इसके पहले कुलाधिपति थे। 1999 में एनडीए सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सांसद बनाया। उन्होंने अपने जीवन का अंतिम वक्त चित्रकूट में बिताया और यहीं पर 27 फ़रवरी 2010 को इन्होंने अंतिम सांस ली। बाद में 2019 में मोदी सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया।