नई दिल्ली। कोरोना से छिड़ी जंग में पूरे देश में हौसला पैदा करने और एकजुटता का भाव लाने के लिए पीएम मोदी ने 5 अप्रैल की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घर की लाइटें बंद करने की अपील की थी। इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा था कि लोग घर की लाइटें बंद करके घर के दरवाजे पर दीया, मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाइल के फ्लैश जलाएं।
इस अपील का पूरे देश में ऐसा असर हुआ कि मानों पूरा देश दीपावली से पहले दीपोत्सव मना रहा हो। हालांकि इसको लेकर कई जानकारों और विपक्षी नेताओं ने की तरफ से आशंका जताई जा रही थी कि एकसाथ घर की लाइटें बंद होने से पॉवर ग्रिड की समस्या आ सकती है। फिलहाल रविवार रात नौ बजे से पहले और फिर उसके नौ मिनट बाद देश में बिजली की खपत का जो आंकड़ा सामने आया है उससे से ये साफ हो गया है कि अपने घर की बत्तियां बुझाकर दीया जलाने की पीएम की अपील का लोगों ने दिल खोलकर समर्थन किया। बिजली मंत्रालय के मुताबिक इस दौरान देशभर में बिजली की खपत में 32000 मेगावाट तक की कमी दर्ज की गई।
आकंड़ों के मुताबिक रात आठ बजकर 50 मिनट पर बिजली की मांग 117300 मेगावाट थी और पीएम की अपील का समय जब 9.09 मिनट पर खत्म हुआ तब इसकी मांग 85000 मेगावाट पर आ गई थी। हालांकि इसके थोड़ी देर बाद ही मांग फिर 110000 मेगावाट के ऊपर पहुंच गई। जाहिर है बत्तियां अचानक बुझाने से ही मांग में इतनी कमी दर्ज की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 3 अप्रैल को लोगों से अपने घरों की बत्तियां बुझाकर दीया और मोबाइल की लाइट जलाने को कहा तभी से इस बात की आशंका जताई जाने लगी कि अचानक बत्तियां बुझने से पॉवर ग्रिड फेल हो सकता है। इससे देश में बिजली संकट की आशंका भी जताई जाने लगी। जानकारों और कई विपक्षी नेताओं का मानना था कि अचानक बिजली की मांग में उतार चढ़ाव का दबाव पावर ग्रिड नहीं झेल पाएंगे लेकिन रविवार को ऐसा कुछ नहीं हुआ।
Demand in the grid came down by 32000 MW within a few minutes but the frequency and voltage was mantained within the normal range. The drop in national demand by 32000 megawatts shows a huge response of the nation to the call of the Prime Minister. (2/2)@narendramodi@PMOIndia pic.twitter.com/yuxkdPXYBK
— R. K. Singh (@RajKSinghIndia) April 5, 2020
आरके सिंह खुद पूरी घटना की निगरानी कर रहे थे
आशंकाओं के मद्देनजर बिजली मंत्रालय और ग्रिड से जुड़ी तमाम सरकारी एजेंसियों के आला अधिकारी और इंजीनियर भी सतर्क थे। जब लोग कोरोना में खिलाफ लड़ाई में एकजुटता दिखाने के लिए बत्तियां बुझाकर दीया जला रहे थे तब बिजली मंत्री आरके सिंह खुद पूरी घटना की निगरानी कर रहे थे।आरके सिंह अपने आला अधिकारियों के साथ नेशनल पावर मॉनिटरिंग सेंटर में पावर ग्रिड व्यवस्था पर पल-पल की नजर रख रहे थे ताकि किसी भी परिस्थिति से तुरन्त निपटा जा सके।