नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल दौरे पर दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के 150 साल पूरे होने से जुड़े एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। लेकिन मुख्यमंत्री और TMC चीफ ममता बनर्जी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने नहीं पहुंचीं। दीदी की ओर से ऐसा तब किया गया, जब नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित प्रोग्राम के इन्विटेशन कार्ड पर पीएम मोदी, बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडवीय के साथ ममता का नाम भी छप चुका था। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि वह दूसरे दिन भी मोदी के साथ मंच साझा करेंगी।
बहरहाल, पीएम मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत में पोर्ट के दो बुजुर्ग कर्मचारियों (रिटार्यड) को सम्मानित किया। दोनों के मंच पर आने के बाद पीएम ने पहले हाथ जोड़कर उन्हें प्रणाम किया, उसके बाद व्हील चेयर पर बैठे एक बुजुर्गकर्मी के पैर भी छुए।
इस इवेंट में पीएम ने Kolkata Port Trust के जिन दो पेंशनर्स को सम्मानित किया, उनमें नगीना भारत और नरेश चंद्र चक्रवर्ती शामिल हैं। और, इनमें एक की उम्र 105 साल है, जबकि दूसरे 100 वर्ष के हैं। पीएम ने इसी के साथ कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलकर डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने की घोषणा भी की।
पीएम ने भाषण के दौरान कहा- कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के लिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण अवसर है। बकौल मोदी, “पोर्ट आने जाने का माध्यम नहीं है, बल्कि ये अपने आप में इतिहास समेटे है। इसने स्वराज देखा है। सत्याग्रह से लेकर स्वच्छाग्रह तक इसने देश को बदलते देखा है। यह पोर्ट सिर्फ मालवाहकों का ही स्थान नहीं रहा है, बल्कि देश पर छाप छोड़ने वाले ज्ञानवाहकों के चरण भी यहां पड़े।”
पीएम मोदी आगे बोले- कोलकाता पोर्ट के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए आज सैकड़ों करोड़ रुपए के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया गया है। आदिवासी बेटियों की शिक्षा और कौशल विकास के लिए हॉस्टल और स्किल डेवलपमेंट सेंटर का शिलान्यास हुआ है।