नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड की कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड AJL की 800 करोड़ की संपत्ति महज 50 लाख रुपए में कब्जा करने के आरोपों में घिरीं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। दोनों इस मामले में और फंसते जा रहे हैं। सोनिया को प्रवर्तन निदेशालय ED ने जुलाई में इस मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है। उससे पहले सूत्रों के हवाले से हिंदी अखबार ‘नवभारत टाइम्स’ ने खबर दी है कि इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के और ताजा सबूत ईडी के हाथ लगे हैं। ऐसे में अब सोनिया को जांच एजेंसियों के कठिन सवालों का सामना करना पड़ सकता है।
सूत्रों के हवाले से अखबार का दावा है कि एजेएल को टेकओवर करने वाली यंग इंडियन लिमिटेड YIL को रकम देने वाली कंपनी डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर सुनील भंडारी और सुनील संगनेरिया कोलकाता स्थित 50 और कंपनियों में भी डायरेक्टर थे। इनकम टैक्स की जांच से पता चला है कि ये कंपनियां काले धन को वैध बना रही थीं। वहीं, नियमों के तहत एक व्यक्ति किसी एक कंपनी का ही पूर्णकालिक डायरेक्टर हो सकता है। सूत्रों ने अखबार को ये भी बताया है कि डोटेक्स कंपनी ने एजेएल के टेकओवर के लिए वाईआईएल को फंड दिया। इसके बाद एजेएल को 50 लाख रुपए दिए गए। अब यही पूरा मसला जांच का अहम बिंदु बन सकता है।
ईडी अब सोनिया से पूछ सकती है कि कांग्रेस ने एजेएल को जो पहले 90 करोड़ रुपए का लोन दिया था, वो कैसे दिया? कांग्रेस का कहना है कि कैश और चेक से रकम दी गई, लेकिन ईडी की पूछताछ में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के ट्रेजरार पवन बंसल जांचकर्ताओं को रकम दिए जाने का तरीका समझा नहीं सके। अब सोनिया से ईडी पूछ सकती है कि ये 90 करोड़ रुपए कांग्रेस ने किस खाते से एजेएल को बतौर कर्ज दिए थे? इसके लिए बैंक स्टेटमेंट और अन्य दस्तावेज भी पेश करने होंगे। बता दें कि ईडी सूत्रों ने पहले बताया था कि 5 दिन की पूछताछ में राहुल गांधी तमाम सवालों के जवाब दे नहीं सके थे।