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UP: नत्थे सिंह जिन्होंने बनाया आजाद भारत का पहला राष्ट्रीय ध्वज, आज भी पूरा परिवार इस तरह कर रहा देश की सेवा

UP: 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने में देश का हर नागरिक साथ दे रहा है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने तो तैयारियां जोरो-शोरो से शुरू कर दी हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश के मेरठ में रहने वाला नत्थे सिंह का परिवार अभियान में योगदान देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस आने वाला है और देश भर में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारों तक ने कमर कस ली है।  75वें वर्ष के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने में देश का हर नागरिक साथ दे रहा है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने तो तैयारियां जोरो-शोरो से शुरू कर दी हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश के मेरठ में रहने वाला नत्थे सिंह का परिवार अभियान में योगदान देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। बता दें कि नत्थे सिंह  वहीं शख्स हैं जिन्होंने पहली बार आजाद भारत का राष्ट्रीय ध्वज अपने हाथों से तैयार किया था और आज उनका परिवार इस परंपरा को निभा रहा है।

2019 में हो गया नत्थे सिंह का निधन

आजाद भारत के पहले राष्ट्रीय ध्वज की रूपरेखा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पिंगली वेंकैया ने तैयार की थी लेकिन राष्ट्रध्वज को असल में तैयार नत्थे सिंह  ने किया था। नत्थे सिंह का मेरठ के रहने वाले थे और आज भी उनका परिवार राष्ट्रध्वज तैयार कर देश की सेवा में योगदान दे रहा है। ये परंपरा आज भी नत्थे सिंह के परिवार में जारी है। नत्थे सिंह का जन्म 1925 में मेरठ के सुभाष नगर में हुआ था। उन्होंने पहली बार तिरंगा तब बनाया था जब वो महज 22 साल के थे। उन्होंने अपने जीवन को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को समर्पित कर दिया। जिसके बाद आज तक उनका परिवार देश के लिए तिरंगा बना रहा है। हालांकि साल 2019 में नत्थे सिंह का निधन हो गया था।

आज भी परिवार निभा रहा जिम्मेदारी

नत्थे सिंह के बेटे रमेश के कहना है कि उनके पिता को तिरंगा बनाने की जिम्मेदारी तब मिली थी जब देश आजाद हुआ था और पहली बार संसद में मीटिंग हुई थी। पहली बार त्रीय गांधी आश्रम जोकि मेरठ में है को ये जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिसको उनके पिताजी नत्थे सिंह ने लीड किया था और जिम्मेदारी को अच्छे से निभाया था। फिलहाल नत्थे सिंह के बेटे रमेश, उनकी पत्नी और दो बेटियां मिलकर तिरंगा बनाते हैं। उनका कहना है कि इस काम को करते हुए वो बहुत गर्व महसूस करते हैं।