नई दिल्ली। झारखंड के दुमका में 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म के बाद हुई हत्या मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद आरोपी अरमान अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और हत्या के मामले में केस दर्ज किया जा चुका है। कथित तौर पर आरोपी ने पीड़िता को प्रेम जाल में फंसाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था और इसके बाद उसके शव को पेड़ से लटका दिया था। अब उपरोक्त प्रकरण की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है। उधर, अंकिता के बाद दुमका की एक और बेटी के साथ हुई दरिंदगी के बाद झारखंड की सोरेन सरकार बीजेपी के निशाने पर आ चुकी है, लेकिन अभी तक प्रदेश सरकार की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं, इस पूरे मसले को लेकर सूबे में सियासी बवंडर भी जारी है। ऐसे में आज एनसीपीसीआर के प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने पीड़िता के परिजनों से मुखातिब होने पहुंचे थे, लेकिन मीडिया रिपोर्ट की मानें तो उन्हें मिलने नहीं दिया गया।
यहां तक उन्हें जांच एजेंसियों से भी मिलने नहीं दिया गया, जिसके बाद उन्होंने इस रवैये पर रोष जाहिर करते हुए कहा कि आप उपरोक्त ह्दयविदारक घटना पर प्रशासन की संवेदनहीनता का अंदाजा महज इसी से लगा सकते हैं कि अभी तक पीड़िता के परिजनों को धमकी देने वाले आरोपी के भाई के खिलाफ ना ही पुलिस ने केस दर्ज किया है और ना ही उसे गिरफ्तार किया है। इसे आप शासन-प्रशासन की संवेदनहीनता नहीं तो और क्या कहेंगे। प्रियांक कानूनगो ने पुलिस से मामले को संज्ञान में लेने के बाद आरोपी के भाई को गिरफ्तार करने की मांग की है। बता दें कि बीते चार सितंबर को झारखंड के दुमका में पेड़ पर लटका हुआ 14 वर्षीय बच्ची का शव मिला था। कथित तौर पर आरोपी ने दुष्कर्म कर उसे मौत के घाट उतार दिया था।
फिलहाल, आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है। लेकिन, बीते कुछ दिनों से जिस तरह झारखंड में बेटियों पर दरिंदा का जुल्म बढ़ता जा रहा है, उसे लेकर सोरेन सरकार अब सवालों के घेरे में आ चुके हैं। ध्यान रहे कि बीते दिनों दुमका की बेटी अंकिता के प्रेम प्रस्ताव स्वीकार नहीं करने पर आरोपी ने उसे पेट्रोल छिड़ककर मौत के घाट उतार दिया था। लेकिन, इस पूरे मामले में भी अभी तक सोरेन सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति के नाम पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन उसके खिलाफ कोई ऐसी कार्रवाई अभी तो नहीं ही हुई है, जिससे कि आरोपी दहशत में आ सकें। हालांकि, विपक्षी दलों का दबाव सोरेन सरकार पर अपने चरम पर है। अब ऐसे में उपरोक्त प्रकरण को संज्ञान में लेने के बाद प्रदेश सरकार की ओर से क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इसका सभी को इंतजार रहेगा।