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नेपाल का नया नक्शा पास होने पर बोलीं विरोध करनेवाली एमपी सरिता गिरी, बांग्लादेश जैसी हो जाएगी हालत

नेपाल सरकार ने नया राजनीतिक नक्शे से जुड़ा बिल सर्वसम्मति से संसद में पास करा लिया है। अब बिल पास हो जाने के बाद नेपाल सरकार संशोधन में संशोधन करेगा और लिपुलेख, कालापानी और लिम्प्यूधारा को राजनीतिक दावों के साथ अपना बता पाएगा।

नई दिल्ली। नेपाल सरकार ने नया राजनीतिक नक्शे से जुड़ा बिल सर्वसम्मति से संसद में पास करा लिया है। अब बिल पास हो जाने के बाद नेपाल सरकार संशोधन में संशोधन करेगा और लिपुलेख, कालापानी और लिम्प्यूधारा को राजनीतिक दावों के साथ अपना बता पाएगा।

Nepal Map

बिल नेपाल की कानून मंत्री डॉ. शिवमाया तुम्बाड ने प्रतिनिधि सभा में पेश किया था। इस बिल के समर्थन में 258 वोट समर्थन में पड़े। हालांकि भारत ने इस नक्शे के विरोध में कड़ा एतराज जताया है।

वहीं नेपाल के नए नक्शे को लेकर सरकार के संविधान संशोधन का विरोध कर रही नेपाल की एक महिला सांसद सरिता गिरी को सदन में बोलने तक नहीं दिया गया है। उन्हें सदन से बाहर निकलने पर मजबूर किया गया। संसद से बाहर आकर उन्होंने अपना आक्रोश व्यक्त किया। गिरी ने चेतावनी देते हुए कहा कि नेपाल में जो बर्ताव उनके साथ किया जा रहा है उससे नेपाल की हालत बांग्लादेश जैसी हो सकती है।

India nepal

सरिता गिरि शुरुआत से ही नेपाल सरकार के इस कदम का खुलकर विरोध कर रही हैं। सांसद ने खुलेआम संविधान संशोधन का विरोध किया था।

Sarita Giri

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि नेपाल की प्रतिनिधि सभा ने नक्शे में बदलाव के लिए संशोधन विधेयक पारित किया है ताकि वे भारत के कुछ क्षेत्रों को अपने नक्शे में दिखा सकें। हालांकि, हमने इस बारे में पहले ही स्थिति स्पष्ट कर दी है। यह ऐतिहासिक तथ्यों और सबूतों पर आधारित नहीं है। ऐसे में उनका दावा जायज नहीं है। यह सीमा विवाद पर होने वाली बातचीत के हमारे मौजूदा समझौते का उल्लंघन भी है।

Nepal Parliament

नेपाल संसद के 275 सदस्यों वाली प्रतिनिधि सभा में विधेयक पारित कराने के लिए दो तिहाई वोटों की जरूरत थी। संसद में उपस्थित 258 सांसदों ने शनिवार को इस बिल के पक्ष में वोट किए। विपक्षी पार्टियों नेपाली कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता पार्टी नेपाल, और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने भी इसके पक्ष में वोट किया। निचले सदन में इसे मंजूरी दिए जाने के बाद अब इसे राष्ट्रीय सभा (संसद के ऊपरी सदन) में भेजा जाएगा। वहां भी इस पर वोटिंग होगी।