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Election: रैलियों पर रोक से लेकर अपराधियों की लगाम कसने तक, चुनाव आयोग ने उठाए हैं ये नए कदम

यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान हो चुका है। चुनाव आयोग ने 28 दिन में सारे चुनाव कराने का रोड मैप तैयार कर दिया है। साथ ही इस बार आयोग ने कई कदम भी उठाए हैं। इन नए कदमों से सियासत का नया रूप दिखने की उम्मीद है।

नई दिल्ली। यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान हो चुका है। चुनाव आयोग ने 28 दिन में सारे चुनाव कराने का रोड मैप तैयार कर दिया है। साथ ही इस बार आयोग ने कई कदम भी उठाए हैं। इन नए कदमों से सियासत का नया रूप दिखने की उम्मीद है। चुनाव आयोग ने कई बड़े फैसले किए हैं, लेकिन इनमें से सबसे बड़ा फैसला 15 जनवरी तक हर तरह की रैली और रोड शो वगैरा पर रोक की है। कोरोना के दौर में लोगों की जान बचाने के लिए इस तरह का कदम सराहनीय है। इसके अलावा दूसरे बड़े फैसले में आयोग ने अपराधियों के चुनावी मैदान में उतरने पर जनता को इसकी जानकारी देने का लिया है। हर पार्टी को बताना होगा कि किस आपराधिक छवि के शख्स को वो टिकट दे रही है और  क्यों दे रही है। ये बात जनता को अखबारों  और टीवी चैनलों के अलावा पार्टियां अपनी वेबसाइट के जरिए भी बताएंगी।

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आयोग ने इस बार एक और अहम कदम उठाते हुए ऑब्जर्वरों और केंद्रीय बलों की तादाद भी बढ़ाने का एलान किया है। पूरे चुनाव के दौरान 900 ऑब्जर्वर और 50000 केंद्रीय बल के जवान तैनात किए गए हैं। इसके अलावा वोटरों को शराब, नकदी या दूसरे प्रलोभन देने वालों पर कार्रवाई का खाका भी तय किया गया है। CVIGIL नाम का एक नया एप आयोग ने लॉन्च किया है। किसी भी तरह से आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में कोई भी वीडियो या फोटो खींचकर इस एप के जरिए आयोग से शिकायत कर सकेगा। इससे भी आम वोटर के हाथ में बड़ा हथियार आ गया है।

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यूपी में इस बार भी 7 दौर में वोटिंग होगी। इसकी शुरुआत 10 फरवरी से होगी। उत्तराखंड, गोवा और पंजाब में 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। जबकि, मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान कराया जाएगा। बता दें कि यूपी विधानसभा का कार्यकाल 14 मई को पूरा हो रहा है। वहीं, उत्तराखंड और पंजाब विधानसभा का कार्यकाल 23 मार्च, गोवा विधानसभा का कार्यकाल 15 मार्च और मणिपुर विधानसभा का कार्यकाल 19 मार्च को समाप्त हो रहा है।