नई दिल्ली। सीमा पर भारतीय सैनिक चीनी सेना को तो मुंहतोड़ जवाब दे ही रहे हैं लेकिन इसके अलावा अब देश के भीतर से भी चीन की कमर तोड़ने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार चीन को करारा जवाब देते हुए चीन की तमाम कंपनियों समेत कुछ अन्य पड़ोसी देशों की कंपनियों को बैन कर दिया गया है।
बता दें कि इस कदम के बाद से अब ये कंपनियां यूपी के किसी भी सरकारी प्रोजेक्ट में टेंडर नहीं डाल सकेंगी। सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से यह आदेश सभी विभागों को भेज दिया गया है। यूपी सरकार एक सक्षम प्राधिकरण बनाएगी। संबंधित देशों की कम्पनियों को पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
इन कंपनियों को रजिस्ट्रेशन से पहले इन कम्पनियों को रक्षा मंत्रालय (Defance Ministry), विदेश मंत्रालय से राजनीतिक सहमति और गृह मंत्रालय (Home Ministry) से सुरक्षा संबंधी अनुमति लेनी होगी। रजिस्ट्रेशन करवाने वाली हर कम्पनी की रिपोर्ट हर तीन महीने बाद केंद्र को भेजी जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार की नजर जापान, अमेरिकी और यूरोपिय कंपनियों पर है, जो अब चीन से बाहर निकलने की सोच रही हैं। प्रदेश की सरकार चाहती है कि चीन से निकलने वाली कंपनियां राज्य में अपना कारोबार करें ताकि इससे प्रदेश में रोजगार भी बढ़े और राजस्व भी। सूत्रों के मुताबिक ये कंपनियां चीन की तर्ज पर दूसरे देशों में कारोबार स्थापित करने की सोच रही हैं और बड़ा बाजार होने के नाते इसका विकल्प उन्हें भारत में नजर आ रहा है।
इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने विदेशी कंपनियों को अपने यहां निवेश करने और उद्योग लगाने के लिए आकर्षित करने को लेकर एक टास्क फोर्स का गठन किया है। यह टास्क फोर्स विदेशी कंपनियों के प्रदेश में रेड कारपेट बिछा रही हैं, जिसके फलस्वरूप हाल ही में एक दिग्गज जर्मन फुटवेयर कंपनी ने अपना प्लांट आगरा में शिफ्ट करने का फैसला किया है।