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कोरोना जांच को लेकर सामने आई नई तकनीकी, जांच में आएगी तेजी

इस नए तरीके से अणुओं के बीच संपर्क का पता लगाया जा सकता है। इसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 (COVID-19) पर लगाम लगाने के लिए जांच का दायरा बढ़ाना महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की जांच को लेकर वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने एक नए तरीके का पता लगाया है जिससे कोरोना की जांच में तेजी आएगी और सटीक नतीजे पता चलेंगे। इससे कोरोना के रोकथाम में भी मदद मिलेगी। बता दें कि इस नए तरीके से पॉलीमरेज श्रृंखला अभिक्रिया (PCR) आधारित जांच पर दबाव से राहत मिल सकती है।

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गौरतलब है कि अभी कोविड-19 (COVID-19) वैश्विक महामारी से लड़ने में पीसीआर आधारित जांच का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। इस संवेदनशील जांच में मरीज के मुंह के लार के नमूने की जांच की जाती है, ताकि विषाणु की छोटी-से छोटी मात्रा का भी पता लगाया जा सके। अब स्विट्जरलैंड में ईटीएच ज्यूरिख के इंस्टीट्यूट ऑफ एनवॉयनमेंटल इंजीनियरिंग के शोधकर्ताओं ने प्लाज्मोनिक फोटोथर्मल सेंसिंग पर आधारित अधिक सटीक जांच विकसित की है।

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इस नए तरीके से अणुओं के बीच संपर्क का पता लगाया जा सकता है। इसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 (COVID-19) पर लगाम लगाने के लिए जांच का दायरा बढ़ाना महत्वपूर्ण है। यह शोध पत्रिका एसीएस नैनो में प्रकाशित हुआ है।

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लगभग पूरी दुनिया में अपना प्रकोप फैला चुके कोरोना वायरस (Corona virus) की रोकथाम के लिए वैज्ञानिक शोध में जुटे हुए हैं, ताकि इसके प्रकोप को रोकने के लिए कारगर उपाय किए जा सकें।