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Ram Mandir Pink Stone Shortage: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर नई मुसीबत, जयपुरिया लाल पत्थर की हुई किल्लत

Ram Mandir Pink Stone Shortage: इसके अलावा 10-15 दिन तैयारी में लगेंगे, 15 दिन खनन के बाद बारिश आ जाएगी और असली काम दीपावली के बाद ही शुरू होगा। तीसरी वजह ये भी है कि इस वक्त 14 खानों में ही ए-ग्रेड पिंक सैंड स्टोन है। दिन-रात खनन होने पर भी इसमें दो साल का वक्त तो लगेगा ही उसके बाद तराशने का समय अलग है।

नई दिल्ली। अयोध्या में बन रहा राम मंदिर दुनिया के करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र होगा। मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। सदियों लंबी चली कानूनी लड़ाई के बाद 2023 के अंत या 2024 की शुरुआत तक रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। लेकिन उससे पहले एक नई अड़चन पैदा हो गई है, जी हां राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा ज़मीन अधिग्रहण के मामलों में पेंच फंसने के बाद अब मंदिर निर्माण फिर से मुश्किलों में है। दरअसल, राजस्थान की राजधानी जयपुर के जिस बंसी पहाड़पुर इलाके से राम मंदिर निर्माण में लगने वाला पिंक सैंड स्टोन आता है, वहां इसकी किल्लत हो गई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय के मुताबिक, मंदिर में 4.70 लाख घन फुट पिंक सैंडस्टोन लगाया जाएगा। जिसमें से अभी तक 70 हजार घन फुट यानि करीब 15% ही अयोध्या पहुंचा है। खनन विभाग ने जो 41 लीज दी हैं, उनमें 14 में ही ए-ग्रेड पिंक सैंड स्टोन है। किल्लत की वजह पत्थर की सप्लाई में होने वाली देरी को बताया जा रहा है। सप्लाई में देरी क्यों हो रही है इसके पीछे भी तीन कारण हैं, असल में, नीलाम हुईं 41 लीज में 15 जून से पहले खनन कर पाना मुश्किल है क्योंकि खदान लीजहोल्डर्स को सौंपने की कागजी कार्रवाई मई के आखिर तक पूरी होगी।

इसके अलावा 10-15 दिन तैयारी में लगेंगे, 15 दिन खनन के बाद बारिश आ जाएगी और असली काम दीपावली के बाद ही शुरू होगा। तीसरी वजह ये भी है कि इस वक्त 14 खानों में ही ए-ग्रेड पिंक सैंड स्टोन है। दिन-रात खनन होने पर भी इसमें दो साल का वक्त तो लगेगा ही उसके बाद तराशने का समय अलग है। इसके अलावा सेंट्रल विस्टा के लिए भी यहां से पत्थर जाएगा। इस बीच करोड़ों राम भक्तों के लिए बड़ी खबर ये है कि अयोध्या के राममंदिर के गर्भगृह का निर्माण एक जून से शुरू होने जा रहा है। शुभारंभ से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में पूजन होगा। सुबह नौ बजे से दो घंटे तक चलने वाले पूजन में राम मंदिर ट्रस्ट के सभी सदस्यों सहित अयोध्या के विशिष्ट संत शामिल रहेंगे।

मौजूदा वक्त में राम मंदिर के चबूतरे यानी प्लिंथ का काम चल रहा है। सात लेयर का यह प्लिंथ 21 फीट ऊंचा होगा। अभी प्लिंथ के चौथे लेयर का काम चल रहा है, जो सितंबर माह से पहले हर हाल में पूरा किया जाना है। राम मंदिर ट्रस्ट दिसंबर 2023 तक हर हाल में तीन मंजिला राम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण पूरा करना चाहता है। 2023 में ही रामलला को गर्भगृह में भी विराजमान कराया जाएगा। इसे देखते हुए राम मंदिर निर्माण समिति ने प्लिंथ के साथ ही मंदिर के गर्भगृह का निर्माण शुरू करने का फैसला किया है। गर्भगृह का काम पूजन के बाद एक जून की सुबह शुरू हो जाएगा। अयोध्या का राम मंदिर भारतीय स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना होगा। मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया जा रहा है। सभी स्तंभों पर रामकथा के प्रसंगों समेत प्राचीन पद्धति से परिसर में 6400 मूर्तियां उकेरी जाएंगी।