Constitution Day: ‘देश के लिए अगले 25 साल कर्तव्य काल का वक्त’, संविधान दिवस पर PM मोदी ने बताया नए भारत का रोडमैप

मोदी ने कहा कि आज भारत की उभरती ताकत को दुनिया उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। विविधता वाला देश आगे बढ़ रहा है। इसकी वजह हमारे संविधान में लिखा ‘वी द पीपुल’ है। यही भावना वैशाली के प्राचीन गणराज्य में, वेदों की ऋचाओं में और महाभारत में भी दिखती है।

Avatar Written by: November 26, 2022 11:50 am
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नई दिल्ली। आज संविधान दिवस Constitution Day है। इस मौके पर दिल्ली में एक कार्यक्रम हुआ। जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, कानून मंत्री किरेन रिजिजू और अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमनी समेत तमाम गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि साल 2008 में जब देश संविधान का उत्सव मना रहा था, तो मुंबई में मानवता पर हमला हुआ। उन्होंने आजादी के नायकों और संविधान बनाने से जुड़े सभी लोगों को नमन किया। मोदी ने कहा कि युवाओं को संविधान के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इससे उनकी रुचि बढ़ेगी। जैसे उनको बताया जाना चाहिए कि संविधान सभा में 15 महिलाएं भी थीं।

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मोदी ने कहा कि आज भारत की उभरती ताकत को दुनिया उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। विविधता वाला देश आगे बढ़ रहा है। इसकी वजह हमारे संविधान में लिखा ‘वी द पीपुल’ है। यही भावना वैशाली के प्राचीन गणराज्य में, वेदों की ऋचाओं में और महाभारत में भी दिखती है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी के तौर पर हमारा देश प्राचीन धारणाओं और संविधान की भावना को मजबूत कर रहा है। कमजोरों का उत्थान आज हो रहा है। माताएं भी मजबूत हो रही हैं। सामान्य लोगों के लिए कानून का अनुवाद हो रहा है। मोदी ने कहा कि मैंने 15 अगस्त को भाषण में कर्तव्य पर जोर दिया था। इसकी बात गांधीजी भी करते थे। अगले 25 साल देश के लिए कर्तव्य काल हैं।

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मोदी से पहले केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आजादी ने हम पर बड़ी जिम्मेदारी डाली है। ये बात बाबासाहेब आंबेडकर भी कहते थे। इसे याद रखना जरूरी है। उन्होने कहा कि न्यायिक प्रणाली में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। ताकि आम लोगों का भरोसा बढ़ाया जा सके। वहीं, अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमनी ने कहा कि जाति और अन्य सामाजिक विभाजन हैं। इनको मिटाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि समानता का दावा जटिल है। नए विभाजन के बगैर कानून, समाज और कोर्ट के बीच समन्वय बढ़ाने की जरूरत पर भी अटॉर्नी जनरल ने जोर दिया।

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