नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के एक दोषी अक्षय ठाकुर की दया याचिका राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने खारिज कर दी है। अक्षय ठाकुर ने शनिवार को राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी। राष्ट्रपति ने अक्षय ठाकुर की दया याचिका को ठुकरा दिया है। जबकि इस मामले के चौथे दोषी पवन गुप्ता ने दया याचिका दायर नहीं की है।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद अब तक 4 दोषियों में से 3 की दया याचिका ठुकरा चुके हैं। राष्ट्रपति के पास निर्भया के दोषी मुकेश, विनय और अक्षय ठाकुर ने दया याचिका भेजी थी जिसे वे खारिज कर चुके हैं। दोषियों में केवल पवन गुप्ता ने अब तक अपनी याचिका राष्ट्रपति कोविंद को नहीं भेजी है। निर्भया के दोषियों की फांसी पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अब केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सरकार ने हाईकोर्ट में दोषियों की फांसी पर रोक के निर्णय को चुनौती दी थी। जिसमें बुधवार(पांच फरवरी) को फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले को रद्द करने से इनकार कर दिया। इसके बाद केंद्र और दिल्ली सरकार(उपराज्यपाल के माध्यम से) ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव एप्लीकेशन(एसएलपी) डालते हुए दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की अपील की है।
इस याचिका में कहा गया है कि जिन दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं उनकी फांसी में देरी नहीं होनी चाहिए। बता दें कि आज दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी दोषियों को अपने कानूनी विकल्प इस्तेमाल करने के लिए अंतिम सात दिन दिए हैं। इसके बाद कानूनी रूप से जो प्रक्रिया होती है उसका पालन किया जाएगा।
निर्भया के साथ 16 दिसंबर 2012 की रात चलती बस में गैंगरेप किया गया था। गैंगरेप के एक सप्ताह बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में निर्भया की मौत हो गई थी। दक्षिण दिल्ली में हुई घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।