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फांसी के मुंह मे पहुंचे निर्भया के दोषियों का अंतिम पैंतरा, अब वकील पर लगाए गम्भीर आरोप

निर्भया के दोषी मौत के मुंह में पहुंच चुके हैं। मगर पैंतरे चलने से बाज नहीं आ रहे हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट उनका अंतिम डेथ वारंट जारी कर चुकी है।

नई दिल्ली। निर्भया के दोषी मौत के मुंह में पहुंच चुके हैं। मगर पैंतरे चलने से बाज नहीं आ रहे हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट उनका अंतिम डेथ वारंट जारी कर चुकी है। इस वारंट के जारी होने के बाद निर्भया के दोषियों ने नई चाल चली है। निर्भया के दोषी मुकेश कुमार सिंह ने अपने पुराने वकील पर गंभीर आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

Nirbhaya convict Mukesh Singh

उसने इस याचिका के जरिये वक़्त बर्बाद करने का नया तरीका अख्तियार किया है। अपनी याचिका में मुकेश ने अपने नए वकील एमएल शर्मा के जरिये फिर से सुधारात्मक याचिका दाखिल करने की इजाजत मांगी है। मुकेश के भाई सुरेश ने वकील एमएल शर्मा के जरिये इस याचिका को दाखिल किया है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि मुकेश की सुधारात्मक याचिका पहले ही सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है। मुकेश कुमार सिंह ने अपने वकील एमएल शर्मा के जरिये केंद्र सरकार के साथ-साथ दिल्ली सरकार को भी मामले में प्रतिवादी बनाया है। उसने साज़िश की बात भी की है। याचिका में उसने यह भी तर्क दिया है कि मुकेश को साजिश का शिकार बनाया गया है।

Nirbhaya case

मुकेश ने अपनी पूर्व वकील वृंदा ग्रोवर को निशाने पर लिया है। उसने वृंदा ग्रोवर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने समय सीमा का ध्यान नहीं रखा। उसे बताया ही नहीं कि सुधारात्मक याचिका दाखिल करने के लिए तीन साल तक का वक्त होता है। ऐसे में उसे फिर से सुधारात्मक याचिका और दूसरे कानूनी विकल्प इस्तेमाल करने का वक्त दिया जाए।

mukesh nirbhaya case

याचिका में दावा किया गया है कि मुकेश की पुनर्विचार याचिका तीन साल पहले खारिज हुई थी और तीन साल की समय सीमा के मुताबिक, वह जुलाई 2021 तक याचिका दाखिल कर सकता है। इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी करते हुए फांसी की तारीख 20 मार्च तय की है।