नई दिल्ली। ‘लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है। मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना नहीं अखरता है’। हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखित यह कविता अभिनेता से नेता बनें दिनेश लाल निरहुआ पर बिल्कुल सटीक बैठती है। जिसमें उन्होंने एक व्यक्ति के संघर्ष को शब्दश: बयां किया है। दरअसल, दिनेश लाल निरहुआ की जिंदगी भी कुछ ऐसी ही रही है। आज वे जिस मुकाम पर हैं, वहां तक पहुंचना मुश्किल तो होता ही है, लेकिन उससे भी ज्यादा मुश्किल होता है, अपनी जगह को सुरक्षित रखना, लेकिन निरहुआ इन दोनों में ही कामयाब रहे हैं। उन्होंने न महज अपने अथक परिश्रम से सफलता का परचम लहराया है, बल्कि अपनी सफलता को बरकरार भी रखा है। निरहुआ को आज भला कौन नहीं जानता है। वे भोजपुरी सिनेमा के जाने माने अभिनेताओं के फेहरिस्त में शुमार हैं। देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी निरहुआ के प्रशंसक हैं, जो कि उनकी फिल्मों के दीवाने हैं। फिल्मों में निरहुआ द्वारा बोल गए संवाद का हर कोई कायल है। आज की तारीख में आप निरहुआ की लोकप्रियता का अंदाजा महज इसी से लगा सकते हैं कि जिस किसी भी फिल्म में उनकी आमद दर्ज हो जाती है, तो समझिए उस फिल्म का हिट होना तय माना जाता है, लेकिन अब निरहुआ अभिनेता से नेता बन चुके हैं।
हालांकि, अभिनेता से नेता बनने की कोशिश वे पिछले कई वर्षों से करते हुए आ रहे थे, लेकिन उन्हें इसमें कोई कामयाबी नहीं मिल पा रही थी। ध्यान रहे कि साल 2019 का चुनाव भी उन्होंने अखिलेश यादव के विरोध में आजमगढ़ से ही लड़ा था, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी थी, लेकिन अब किस्मत उन पर मेहरबान हुई है और पिछले कुछ वर्षों का ख्वाब वो पाले हुए आ रहे थे, आज वो मुकम्मल हो ही हो गया है। बता दें कि बीते 23 जून को हुए उपचुनाव के नतीजों की घोषणा आज हो चुकी है। बीते दिनों तीन लोकसभा समेत सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे, जिसके नतीजों की घोषणा भी आज हुई है, जिसमें आजगढ़ से निरहुआ ने आजगढ़ से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्होंने आज जीत दर्ज की गई है। तो इस तरह से आप कह सकते हैं कि उन्होंने बतौर सांसद राजनीतिक जीवन की शुरुआत की है। आमजगढ़ से चुनाव में हुई जीत के बाद उन्हें चौतरफा बधाई मिल रही है। इसके साथ ही उन्हें राजनीति की दुनिया में कुछ लोग बाजीगर भी बता रहे हैं। कह रहे हैं कि हार के जीतने वाले को अक्सर बाजीगर कहा जाता है और कुछ ऐसा ही निरहुआ ने ही किया है। तो ये रहा उनका राजनीतिक जीवन। अब आइए आगे कि रिपोर्ट में उनके फिल्मी करियर के बारे में भी जान लेते हैं।
कैसा रहा निरहुआ का फिल्मी करियर
वैसे तो निरहुआ कई भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुके थे, लेकिन उन्हें पहचान एक भोजपुरी म्यूजिक एल्बम से मिली थी। इस एल्बम ने उनकी जिंदगी बदल दी। इसने उन्हें वो पहचान दिलाई, जिसने उन्हें नया स्टार्टडम प्रदान किया था । इसके बाद वे कई प्रशंसकों के दिलों पर राज करने लगे। इस एल्बम का नाम निरहुआ अटल रहे था। यह गाना खूह हिट हुआ था। लोगों ने इस गाने को खूब प्यार दिया जिसके बाद तो यूं समझ लीजिए कि निरहुआ की किस्मत ही चमक गई और उन्होंने वो मुकाम हासिल किया। जिसके कि वे हकदार थे। इस गाने के हिट होने के बाद उन्हें कई भोजपुरी फिल्मों में काम करने का मौका मिला। जिसमें उन्होंने बेहतरीन काम कर प्रशंसकों के दिल में अपने लिए खास जगह बनाई। बता दें कि निरहुआ अटल रहे गाना आज भी यूट्यूब पर है, जिसे लोग खूब पसंद करते हैं। आज भी निरहुआ कई फिल्मों में अपनी एक्टिंग का जलवा बिखेरते हुए नजर आते हैं। आज भी लोग उनकी एक्टिंग को खूब पसंद करते हैं। अब निरहुआ सांसद के अवतार में हमारे बीच नजर आएंगे। तो ऐसे में बतौर सांसद वे अपने क्षेत्र के लोगों के लिए क्या कुछ काम करते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए। न्यूज रूम