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Nitish Kumar takes oath as CM: 8वीं बार बिहार के CM बने नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव की भी हुई ताजपोशी

इसके साथ ही उन्होंने राजद विधायको संग सरकार बनाने हेतु  समर्थित विधायकों के हस्ताक्षरयुक्त पत्र भी राज्यपाल को सौंप दिया था। बहरहाल, आज बिहार  की राजनीति के लिहाज से अहम दिन है। आज सीएम नीतीश कुमार आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले हैं। शपथ लेने के लिए महागठबंधन से जुड़े सभी नेता राजभवन पहुंच चुके हैं।

नई दिल्ली। नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ आठवीं बार ली हैं। इस बार उन्होंने राजद, कांग्रेस, हम और वामदलों संग सरकार बनाने का फैसला किया है। उधर,  नीतीश कुमार ने जहां मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, तो वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। बता दें कि शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने भारी संख्या में  सियासी गलियारों से जुड़े नेता पहुंचे थे। शपथ ग्रहण समारोह से पहले महागठबंधन से जुड़े नेताओं ने मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में जनता के हित में काम करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। नीतीश कुमार से लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने की बात कही है।

बिहार का सियासी घमासान उस वक्त अपने निर्णायक मोड़ पर आ गया, जब नीतीश कुमार ने बीजेपी से अपनी राहें जुदा करते हुए राजद संग एक बार फिर से सरकार बनाने का फैसला किया।

ध्यान रहे कि बीजेपी के साथ सरकार बनाने से पहले नीतीश कुमार राजद संग ही सरकार चला रहे थे। लेकिन, अब नीतीश कुमार राजद के पाले में जाकर अपनी पलटू चाचा वाले चरित्र को चरितार्थ कर चुके हैं।

  

राजद संग सरकार बनाने के नीतीश कुमार के फैसले की बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्य़क्ष संजय जायसवाल ने आलोचना की थी। उन्होंने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने बीजेपी से गठबंधन तोड़कर बिहार के जनादेश का अपमान किया है। जिसके लिए जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। जनता उन्हें आगामी  चुनाव में कड़ा सबक सिखाएगी। उधर, सियासी प्रेक्षकों का इस पूरे मसले पर कहना है कि नीतीश कुमार द्वारा राजद के पक्ष में जाने के बाद बीजेपी आगामी दिनों में महागठबंधन को घेरने का काम करेगी।

वहीं, नीतीश कुमार द्वारा बीजेपी से राहें जुदा करने के बारे में उन्होंने कहा कि जदयू विधायकों की सहमति पर बीजेपी से अलग होने का फैसला किया गया है।  हालांकि, राजद संग सरकार बनाने से पूर्व नीतीश कुमार ने बीजेपी से अपनी दूरियां बढ़ानी शुरू कर दी थी। वे बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत नहीं हुए और ना ही वे राष्ट्रपति के रात्रिभोज में पहुंचे थे , जिसे देखते हुए यह माना जा रहा था कि आगामी दिनों वे कुछ बड़ा तूफानी कर सकते हैं।

हालांकि, इससे पहले भी राजद और बीजेपी के बीच खटपट की  खबरें प्रकाश में आती रही, लेकिन उन्हें हमेशा ही  निराधार करार दे दिया जाता रहा है,  लेकिन दोनों ही दलों के बीच सियासी राह उस वक्त सतह पर आ गई, जब नीतीश कुमार ने बीजेपी संग अपनी राहें जुदा करने का मन बना लिया। बहरहाल, अब वे बीजेपी संग अपनी राहें जुदा कर महागठबंधन के साथ सरकार बना चुके हैं। अब ऐसे में यह देखना होगा कि आगामी दिनों में बिहार मंत्रिमंडल का विस्तार कैसा रहता है।