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मस्जिद निर्माण के लिए मिली जमीन पर बाबर के नाम से कुछ न बने : इकबाल अंसारी

कुछ दिन पहले खबर सामने आई थी कि मस्जिद के लिए जो जमीन मिली है उसपर जो निर्माण होगा वो बाबर के नाम से होगा। इसी को लेकर इकबाल अंसारी( Iqbal Ansari) ने साफ कर दिया है कि बाबर(Babar) से हमारा कोई संबंध नहीं है और ना ही उसके नाम से कोई निर्माण होगा।

नई दिल्ली। बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी बाबर के नाम पर मस्जिद बनने को लेकर चल रही खबरों पर साफ कर दिया है कि, अयोध्या में मस्जिद के लिए मिली जमीन पर बाबर के नाम पर कुछ भी नहीं बनाया जाएगा। उन्होंने अपनी मांग रखते हुए कहा कि बाबर से हमारा कुछ संबंध नहीं है, इसलिए उसके नाम से यहां विकसित होने वाले किसी भी निर्माण की नामकरण न किया जाए।

iqbal ansari

इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए मिली पांच एकड़ भूमि पर बनने वाले अस्पताल या स्कूल का नाम भारतीय मुस्लिम महापुरुषों के नाम से जानी जाए। यहां होने वाले निर्माण का नामकरण एपीजे अब्दुल कलाम आजाद, असफाक उल्ला खां, वीर अब्दुल हमीद के नाम से हो, जिन्होंने देश के लिए अपनी कुर्बानी दी। हिंदुस्तान का गौरव इन लोगों से ही है। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद से जुड़े लोगों के नाम पर भी हो सकता। अयोध्या में पत्रकारों से बातचीत में इकबाल अंसारी ने गृहमंत्री अमित शाह के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने देश की जनता से अपील करते हुए कहा गृहमंत्री अमित शाह के स्वास्थ्य लाभ के लिए दुवा करें।

Babari Mosque

बता दें कि अयोध्या में धन्नीपुर स्थित कृषि फार्म की पांच एकड़ भूमि का सीमांकन मस्जिद निर्माण के लिए सोमवार को करा उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को कब्जा सौंप दिया गया। नायब तहसीलदार सोहावल विनय कुमार बरनवाल की अगुवाई में करीब चार घंटे पैमाइश में लगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जिला प्रशासन ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को सोहावल ब्लॉक की ग्राम पंचायत धन्नीपुर में कृषि विभाग के फार्म की भूमि उपलब्ध कराई है। वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधि फरहान हबीब की मौजूदगी में पैमाइश कराई गई। नायब तहसीलदार के अनुसार मस्जिद के लिए जमीन की पैमाइश करा कब्जा दे दिया गया। भूमि की मेड़बंदी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड कराएगा।

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कुछ दिन पहले खबर सामने आई थी कि मस्जिद के लिए जो जमीन मिली है उसपर जो निर्माण होगा वो बाबर के नाम से होगा। इसी को लेकर इकबाल अंसारी ने साफ कर दिया है कि बाबर से हमारा कोई संबंध नहीं है और ना ही उसके नाम से कोई निर्माण होगा। बता दें कि मस्जिद के लिए प्रस्तावित भूमि की सहमति के बाद बोर्ड को अधिकार पत्र सौंपा गया। सोहावल तहसील के अभिलेखों में उसी के बाद राजस्व अभिलेखों में वह भूमि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की मस्जिद के नाम दर्ज कर दी गई। राजस्व अभिलेखों में वक्फ बोर्ड के नाम भूमि दर्ज होने के बाद तहसीलदार ने नायब तहसीलदार की अध्यक्षता में पैमाइश के लिए कमेटी गठित की थी। पैमाइश के लिए सात लेखपाल कमेटी में शामिल किए गए थे। यह भूमि लखनऊ-अयोध्या हाईवे व रौनाही थाना की बाउंड्री से लगी है। मस्जिद के लिए पैमाइश की गई भूमि पर मौजूदा समय में कृषि विभाग की धान की फसल लहलहा रही है।