मुंबई। महाराष्ट्र में बगावत के बाद सत्ता हासिल करने वाले एकनाथ शिंदे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच अब भी शह और मात का खेल जारी है। इस खेल में शिंदे गुट ने उद्धव के लिए नई मुसीबत खड़ी की है। वहीं, उद्धव ने एकनाथ शिंदे को शिवसेना से निकालने का एलान किया है। शिंदे गुट की तरफ से उद्धव के लिए नई मुश्किल शिवसेना के सांसदों को लेकर खड़ी की गई है। बीजेपी ने दावा किया है कि शिवसेना के 19 में से 12 विधायक शिंदे कैंप में आने के लिए तैयार बैठे हैं। वहीं, एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके साथ 170 विधायक अभी आ चुके हैं और आने वाले दिनों में ये संख्या और बढ़ेगी।
दूसरी तरफ शिवसेना सांसदों के एक गुट ने शुक्रवार को उद्धव ठाकरे से बात की। इन सांसदों ने उद्धव को सलाह दी है कि शिवसेना के हित में उनको एकनाथ शिंदे से मतभेद दूर करना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक बैठक में एक वरिष्ठ सांसद ने बागियों से सुलह करने का सुझाव दिया। शायद इस पर उद्धव तैयार नहीं हुए। क्योंकि उन्होंने बाद में शिंदे को शिवसेना से बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया। उद्धव के साथ बैठक में एकनाथ के बेटे और कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे, यवतमाल से शिवसेना सांसद भावना गवली और ठाणे से सांसद राजन विचारे ने हिस्सा नहीं लिया। अगर लोकसभा में शिवसेना के सांसद भी शिंदे कैंप में जाते हैं, तो राज्यसभा में भी ऐसा हो सकता है। वहां शिवसेना के 3 सांसद हैं।
उधर, शिंदे और बीजेपी की सरकार 4 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने वाली है। इसके बाद स्पीकर का चुनाव भी होगा। अभी शिंदे कैंप की सदन की सदस्यता का मसला भी डिप्टी स्पीकर देख रहे हैं। ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। कोर्ट में इस मामले में 11 जुलाई को सुनवाई है। ऐसे में शिंदे कैंप लगातार ताकत बढ़ाकर शिवसेना पर अपना दावा और पुख्ता करने में जुटा है। जिससे आने वाले दिनों में उद्धव ठाकरे के हाथ से पार्टी का सिंबल छिनने का खतरा भी बन गया है।