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Justice UU Lalit : अब सुप्रीम कोर्ट के अगले सीजेआई होंगे यूयू ललित, लेंगे जस्टिस एनवी रमना की जगह, राष्ट्रपति ने लगाई मुहर

Justice UU Lalit : जस्टिस यूयू ललित कई ऐतिहासिक फैसले पर गवाह रहे हैं। वे तीन तलाक के पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सदस्य भी रह चुके हैं। जस्टिस ललित की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने त्रावणकोर के तत्कालीन शाही परिवार को केरल के ऐतिहासिक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का प्रबंधन करने का अधिकार दिया था।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर जस्टिस उदय उमेश ललित को नियुक्त किया गया है। वे देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनकी नियुक्ति पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। बता दें कि विगत सप्ताह ही जस्टिस एनवी रमना ने अगले सीजेआई के लिए यूयू ललित के नाम की सिफारिश सरकार को भेजी थी। राष्ट्रपति ने यूयू ललित के नाम पर सहमति व्यक्त करते हुए हस्ताक्षर कर दिए हैं। एनवी रमना 26 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। बता दें कि यूयू ललित के कार्यकाल के महज तीन माह ही शेष रह गए हैं। वे 8 नवंबर को सेवानिवृत्ति होने जा रहे हैं।

 

कई ऐतिहासिक फैसलों के गवाह रहे हैं यूयू ललित

आपको बता दें कि जस्टिस यूयू ललित कई ऐतिहासिक फैसलों के गवाह रहे हैं। वे तीन तलाक पर फैसला देने वाले पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सदस्य भी रह चुके हैं। जस्टिस ललित की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने त्रावणकोर के तत्कालीन शाही परिवार को केरल के ऐतिहासिक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का प्रबंधन करने का अधिकार दिया था। उन्होंने स्कीन टू स्कीन टच को लेकर भी फैसला सुनाया था। जस्टिस यूयू ललित उन न्यायाधीशों में से हैं, जिन्होंने कहा था कि हिंदू विवाह अधिनियम की धारा-13 बी (2) के तहत आपसी सहमति से तलाक के लिए निर्धारित छह महीने की प्रतीक्षा अवधि अनिवार्य नहीं है।

हाल ही में जस्टिस ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को अदालत की अवमानना के आरोप में चार महीने के कारावास और 2000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। बता दें कि वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों में से सबसे वरिष्ठ हैं। उनके विगत न्यायिक अनुभव को ध्यान में रखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि वे अपने अल्पकालिक कार्यकाल में ही सही, लेकिन न्यायिक व्यवस्था को दुरूस्त करने की दिशा में अपना अप्रतिम योगदान देंगे।