दिल्ली : आजादपुर मंडी को लेकर केजरीवाल सरकार ने जारी किया तुगलकी फरमान, होगा भारी नुकसान
लोगों का कहना है कि ऐसे में तो जो गाड़ियां रात से आकर खड़ी है, उनमें लदे फल अगले दिन दोपहर में ही उतारे और बेचे जा सकेंगे, इससे लोगों को खराब फल मिल सकते हैं और व्यापारियों को भारी नुकसान होगा।
नई दिल्ली। कोरोना की वजह से देशभर में लॉकडाउन चल रहा है ऐसे में रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार की तरफ से कुछ सुविधाओं में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए छूट दी गई है। जिनमें खाने-पीने की चीजें शामिल हैं। ऐसे में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने लॉकडाउन के बीच आजादपुर मंडी में ऑड-इवेन के फॉर्मूले को लागू करने का आदेश जारी किया है।
बता दें कि दिल्ली के आजादपुर मंडी में सोमवार से फलों और सब्जियों की बिक्री ऑड-ईवन फॉर्मूले पर शुरू की जाएगी। जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग को भी जारी रखा जा सके। 80 एकड़ में फैले देश के सबसे बड़े फल-सब्जी मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए और भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। नए निर्देश के मुताबिक यह तय किया गया है कि मंडी में सुबह छह बजे से 11 बजे तक सब्जियों की बिक्री होगी और दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक फलों की। साथ ही सभी व्यापारी ऑड-ईवन फॉर्मूले के तहत ही अपना शेड खोल पाएंगे।
आजादपुर कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) के अध्यक्ष आदिल अहमद खान ने कहा कि मंडी में 22 बड़े शेड हैं जिनमें सैकड़ों व्यापारी सब्जियां बेचते हैं। यहां रोजाना बड़ी संख्या में लोग आते हैं। सोमवार से ऑड-ईवन नियमों के तहत सभी 22 शेड अपनी संख्या के अनुसार खुलेंगे। उदाहरण के लिए ईवन तिथि पर सम संख्या वाले शेड जैसे 0, 2, 4, 6, 8 में कामकाज होगा।
वैसे एक बानगी में देखा जाए तो ये कदम कोरोना के चलते तो ठीक है लेकिन लोगों तक सही सामान पहुंचाने और व्यापारियों के लिहाज से समय सीमा कम रखी गई है। मंडी में मौजूद लोगों का कहना है कि, ऐसे में तो जो गाड़ियां रात से आकर खड़ी है, उनमें लदे फल अगले दिन दोपहर में ही उतारे और बेचे जा सकेंगे, इससे लोगों को खराब फल मिल सकते हैं और व्यापारियों को भारी नुकसान होगा। इसको लेकर दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें मंडी में मौजूद लोग अपनी समस्या बता रहे हैं।
जाहिर सी बात है कि अगर आपको फल लेना भी है तो आपको इसके लिए दोपहर 2 बजे के बाद ही निकलना होगा क्योंकि इसकी भी समय सीमा बनाई गई है। कहा जा रहा है कि गाड़ियों से सामान भी दो बजे तक उतारने की अनुमति नहीं है। गाड़ियां में लदे पेटियों या क्रेट में रखे फ़्रूट धूप में ख़राब भी हो सकते हैं। ऐसे में हर ग्राहक इन फलों को लेने से बचेगा। अब सवाल उठता है कि ऐसे फरमान का फायदा क्या है, जिसमें पूरा सामान ही खराब होने की गुंजाइश है।