नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा पर सुनवाई करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस मुरलीधर का तबादला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट किया गया है। केन्द्र सरकार ने तबादले की अधिसूचना जारी कर दी है। इसे लेकर राजनीति गरमा गई है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है। मगर इस बीच असली कहानी कुछ दूसरी ही निकली।
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने इस तबादले की सिफारिश 12 फरवरी को सरकार को भेजी थी। इसी की प्रक्रिया में यह तबादला हुआ है। वैसे भी हाईकोर्ट के जजों के स्थानांतरण के मामले में केंद्र सरकार की भूमिका सीमित रहती है। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम जब इसकी सिफारिश करता है तो केंद्र सरकार या कानून मंत्रालय सिर्फ एक बार उस स्थानांतरण की सिफारिश को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम वापस भेज सकता है।
अगर कोलेजियम उस जज के मामले में स्थानांतरण की दोबारा सिफारिश करता है तो सरकार उसे वापस नहीं भेज सकती है। यह बाध्यता सरकार पर होती है कि वह स्थानांतरण को हरी झंडी दे। ऐसे में सरकार की भूमिका सीमित रहती है। इसके बावजूद प्रियंका गांधी और विपक्ष के दूसरे नेताओं ने सरकार पर यह आरोप मढ़े।
इस बीच हाईकोर्ट से जस्टिस मुरलीधर के स्थानांतरण के बाद दिल्ली हिंसा के मामले पर आज दिल्ली पुलिस हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस डीएन पटेल की पीठ के समक्ष अपनी स्थिति रिपोर्ट पेश करेगी। जस्टिस मुरलीधर आज किसी भी पीठ का अध्यक्षता नहीं करेंगे। जानकारी के मुताबिक वे शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में कार्यभार संभाल लेंगे।