newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

AzaadiSAT: आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर ISRO ने लॉन्च किया नया SSLV रॉकेट लॉन्चर, जानें खासियत

AzaadiSAT: बता दें कि SSLV-D1 से EOS02 और AzaadiSAT सैटेलाइट्स जा रहे हैं।  SSLV-D1 का फुल फॉर्म है  स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल। इसका मुख्य लक्ष्य छोटे-छोटे रॉकेट को लॉन्च करना है।

नई दिल्ली। इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने  देश का नया रॉकेट लॉन्च कर दिया है। राकेट को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया है। इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने सफलतापूर्वक लॉन्च को लेकर कहा कि SSLV-D1 ने सभी चरणों में अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन किया। मिशन के अंतिम चरण में, कुछ डेटा हानि हो रही है। उन्होंने कहा कि  हम एक स्थिर कक्षा प्राप्त करने के संबंध में मिशन के अंतिम परिणाम को समाप्त करने के लिए डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं।

क्या है SSLV-D1

बता दें कि SSLV-D1 से EOS02 और AzaadiSAT सैटेलाइट्स जा रहे हैं।  SSLV-D1 का फुल फॉर्म है  स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल। इसका मुख्य लक्ष्य छोटे-छोटे रॉकेट को लॉन्च करना है। इसके जरिए धरती की निचली सतह या कक्ष से 500 किलोग्राम तक के सैटेलाइट्स को सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में भेजा जाएंगे। इसी के जरिए AzaadiSAT और EOS02 को सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में भेजा गया है।


75 पेलोड्स भी हुए लॉन्च

इन सब में खास बात ये है कि AzadiSAT सैटेलाइट को 750 बच्चों ने मिलकर बनाया है। ये सभी छात्र अलग-अलग स्कूलों के हैं। AzadiSAT सैटेलाइट के जरिए 75 पेलॉड्स को भी लॉन्च किया जाएगा। पेलोड्स मतलब उपग्रह के साथ सेल्फी कैमरे फेमटो एक्सपेरिमेंट, फ्रिक्वेंसी मीटर, जैसे कई सामान होंगे।वजन में ये पेलोड्स काफी हल्के हैं। जिसका वजन लगभग 50 ग्राम होगा। वहीं एक सैटेलाइट का वजन 8 किलोग्राम होगा।