नई दिल्ली। एक तरफ जहां देशभर में स्वतंत्रता दिवस पूरी देशभक्ति के साथ मनाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती जहर उगलने से बाज नहीं आ रही हैं। महबूबा मुफ्ती ने राष्ट्रीयता के प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। पीडीपी चीफ का दावा है कि कश्मीर में भारत का झंडा नहीं फहराया गया है।केंद्र सरकार और बीजेपी झूठ फैला रही हैं और देशवासियों को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। बता दें कि ये सारी बाते महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखी है।उन्होंने एक के बाद एक लगातार ट्वीट किए हैं।
जवाहर लाल नेहरू की फोटो शेयर कर कही ये बात
कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर जवाहर लाल नेहरू की फोटो को शेयर कर लिखा- जवाहर लाल नेहरू दो झंडों के बीच खड़े थे, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज और जम्मू-कश्मीर राज्य ध्वज। जम्मू-कश्मीर राज्य ध्वज को 1952 में संवैधानिक रूप से अपनाया गया और 2019 में भाजपा ने अपने विभाजनकारी एजेंडे को पूरा करने के लिए बुलडोजर चलाया। अब खुद भारतीय ध्वज का हर आधारभूत मूल्य भी संकट में है। उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा-जेके प्रशासन बेशर्मी से कश्मीरियों द्वारा भारतीय झंडा फहराने का दावा करता है। सच तो यह है कि उन्हें ऐसा करने की धमकी दी गई या फिर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई। विलय के 75 वर्षों के बाद, भारत सरकार ने यहां के लोगों को छद्म और मुद्रीकृत देशभक्ति के अपने रथ में शामिल होने के लिए मजबूर करने के लिए अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल किया।
Jawahar Lal Nehru standing tall between two flags,the Indian national flag & J&Ks state flag adopted constitutionally in 1952 & bulldozed in 2019 to fulfil BJPs divisive agenda. Now, every foundational value that the Indian flag stands for too lies in peril. pic.twitter.com/7NvQJ6VexJ
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 15, 2022
एक के बाद किए एक ट्वीट
इसके उलट जम्मू कश्मीर से कई तिरंगा फहराने की तस्वीरें और वीडियो सामने आ चुकी हैं। कश्मीर में कई जगह से तिरंगा रैली निकालने और यहां तक कि आतंकियों के घरवालों की ओर से भी झंडा फहराने की तस्वीरें आ चुकी हैं। लेकिन फिर भी पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ऐसे बयान देकर लोगों को भड़काने और उकसाने का काम कर रही हैं। उन्होंने एक और ट्वीट कर लिखा- ऐसा न हो कि हम भूल जाएं, जम्मू-कश्मीर के लोगों ने अक्टूबर 1947 में भारतीय ध्वज को स्वीकार कर लिया था।