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Muslim Reservation: ‘तेलंगाना सरकार मुसलमानों को दे 12 फीसदी आरक्षण’, ओवैसी ने चला केसीआर पर वोटबैंक का दांव!

ओवैसी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद तेलंगाना के नए सीएम से हमने मुलाकात की थी। उन्होंने तब मुसलमानों के आर्थिक, स्वास्थ्य और गरीबी के बारे में जानकारी के लिए कमेटी बनाई। इस कमेटी ने रिपोर्ट में कहा था कि मुसलमानों को 9 से 12 फीदी आरक्षण देना चाहिए। तेलंगाना सरकार ने इस बारे में बिल भी पास किया।

हैदराबाद। मुस्लिमों के नाम पर सियासत करने वाले AIMIM के चीफ और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर अपने इस वोट बैंक का नाम लेकर राजनीति चमकाने की कोशिश की है। ओवैसी ने तेलंगाना सरकार से मुसलमानों का आरक्षण 4 फीसदी से बढ़ाने की मांग की है। तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की तेलंगाना राष्ट्र समित TRS की सरकार है। इस सरकार को ओवैसी की पार्टी समर्थन देती है। ओवैसी ने शनिवार को कहा कि मुस्लिमों के आरक्षण के मामले में तेलंगाना सरकार ने एक बिल मोदी सरकार को भेजा था, लेकिन उस पर केंद्र ने कोई कदम नहीं उठाया है। माना जा रहा है कि ओवैसी ने मुस्लिम आरक्षण बढ़ाने की बात कर केसीआर पर अपने वोटबैंक का दबाव डाल दिया है।

ओवैसी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद तेलंगाना के नए सीएम से हमने मुलाकात की थी। उन्होंने तब मुसलमानों के आर्थिक, स्वास्थ्य और गरीबी के बारे में जानकारी के लिए कमेटी बनाई। इस कमेटी ने रिपोर्ट में कहा था कि मुसलमानों को 9 से 12 फीदी आरक्षण देना चाहिए। तेलंगाना सरकार ने इस बारे में बिल भी पास किया। इस बिल में 12 फीसदी मुस्लिम आरक्षण की बात थी। बिल को केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार को भेजा गया, लेकिन उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया। हमने सरकार से आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने की अपील की। राज्य सरकार को अनुच्छेद 15 और 16 के तहत इस बारे में फैसला लेना चाहिए और वो ये फैसला ले भी सकती है।

owaisi

खास बात ये है कि तेलंगाना सरकार ने अनुसूचित जनजातियों के लिए शिक्षा और रोजगार में आरक्षण को 6 से बढ़ाकर 10 फीसदी करने का एलान पहले ही किया है। अब ओवैसी मांग कर रहे हैं कि जी. सुधीर आयोग की सिफारिश के तहत मुस्लिमों का कोटा 12 फीसदी करना चाहिए। उनका कहना है कि तेलंगाना में मुस्लिम आबादी के लिहाज से 4 फीसदी आरक्षण कम है। सुधीर आयोग ने मुस्लिमों के लिए कम से कम 9 फीसदी और ज्यादा से ज्यादा 12 फीसदी आरक्षण की सिफारिश की थी। इसमें एक पेच ये भी है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक कुल आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता।