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Foreign Ministry’s Clear Statement To Pakistan : पीओके खाली करे पाकिस्तान, कश्मीर पर नहीं होगी कोई मध्यस्थता, भारतीय विदेश मंत्रालय की दो टूक

Foreign Ministry’s Clear Statement To Pakistan : विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ना सिर्फ भारत का रुख स्पष्ट किया बल्कि पाकिस्तान के साथ-साथ अमेरिका को भी अपने इरादे जता दिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का तो पुराना रवैया है, परास्त हो जाओ, लेकिन ढोल बजाओ। पाकिस्तान हार पर भी ढोल पीट रहा है, जश्न मनाने का दिखावा कर रहा है, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देगा, भारत सिंधु का पानी नहीं देगा।

नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के साथ हुए हालिया घटनाक्रम को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ना सिर्फ भारत का रुख स्पष्ट किया बल्कि पाकिस्तान के साथ-साथ अमेरिका को भी अपने इरादे जता दिए। जायसवाल ने दो टूक शब्दों में कहा, कश्मीर के मुद्दे पर भारत किसी की भी मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। इस मुद्दे को भारत और पाकिस्तान द्वारा द्विपक्षीय रूप से हल किया जाना चाहिए। यही भारत की नीति रही है और इसमें कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने आगे कहा, पाकिस्तान को पीओके को खाली करना होगा।

रणधीर जायसवाल ने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, लंबित मामला पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है, लिहाजा अब पीओके पर ही बात होगी।

पाकिस्तान का पुराना रवैया, परास्त हो जाओ, लेकिन ढोल बजाओ

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के इंटरव्यू पर रणधीर जयसवाल ने कहा कि जीत का झूठा दावा करना लंबे समय से पाकिस्तान की आदत रही है। पाकिस्तान का तो पुराना रवैया है, परास्त हो जाओ, लेकिन ढोल बजाओ। पाकिस्तान हार पर भी ढोल पीट रहा है, जश्न मनाने का दिखावा कर रहा है।

जब भी आतंकी घटनाएं होंगी ,भारत मुंहतोड़ जवाब देगा

रणधीर जायसवाल बोले, जहां तक ​​आतंकी घटनाओं का सवाल है, हमारी ओर से नेतृत्व स्तर पर कहा गया है कि सीमा पार आतंकवाद एक गंभीर मुद्दा है। हमारा रुख इस पर जीरो टॉलरेंस का है। जब भी ऐसी घटनाएं होंगी, हम दृढ़ता और निर्णायक तरीके से मुंहतोड़ जवाब देंगे। जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देगा, भारत सिंधु का पानी नहीं देगा।

अमेरिका के दावे का किया खंडन

रणधीर जायसवाल ने अमेरिका के उस दावे का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि भारत अगर पाकिस्तान के साथ सीजफायर लागू करने पर राजी नहीं हुआ तो उसका अमेरिका के साथ व्यापार पर असर पड़ेगा। जायसवाल ने कहा कि 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई पर विराम को लेकर सहमति बनने तक भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच सैन्य स्थिति पर बातचीत हुई। हालांकि इनमें से किसी भी चर्चा में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार का मुद्दा नहीं उठा।