Delhi: CAA विरोधियों के दुष्प्रचार का खुलासा, मोदी सरकार के मुताबिक 5 साल में सबसे ज्यादा पाकिस्तान से आए लोगों ने ली नागरिकता
सीएए के विरोध में एक साल तक दिल्ली और देश के अलग-अलग राज्यों में धरना प्रदर्शन और हिंसा की घटनाएं हुई थीं। यहां तक कि सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप दिल्ली आए थे, तब भी हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा था।
नई दिल्ली। पाकिस्तान में गैर मुस्लिम कितने परेशान हैं, इसका खुलासा भारत की नागरिकता लेने वालों की संख्या से हुआ है। गृह मंत्रालय के मुताबिक पिछले पांच साल में 5220 विदेशियों को भारत की नागरिकता दी गई। इनमें से 87 फीसदी यानी 4552 लोग अकेले पाकिस्तान से हैं। एक आरटीआई के जवाब में मंत्रालय ने ये जानकारी दी है। जबकि, भारत में मोदी सरकार जब ऐसे लोगों को नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन कानून CAA लाई थी, तो उसका जमकर विरोध हुआ था। जबकि, उस कानून में साल 2014 तक भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिमों को ही नागरिकता देने का प्रावधान है।
सीएए के विरोध में एक साल तक दिल्ली और देश के अलग-अलग राज्यों में धरना प्रदर्शन और हिंसा की घटनाएं हुई थीं। यहां तक कि सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप दिल्ली आए थे, तब भी हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा था। इस हिंसा के दौर में कई लोगों की मौत हुई। तमाम जगह पुलिस के सामने ही उपद्रवियों ने तलवार और तमंचों से हमले किए। शाहरुख नाम के एक युवक ने तो पुलिसकर्मी के सामने ही पिस्टल तान दी थी। पुलिस के कई अफसरों को भी हिंसा का शिकार बनाया गया था।
मोदी सरकार हालांकि दंगाइयों के सामने नहीं झुकी और सीएए को संसद से पास कराने के बाद उसकी नोटिफिकेशन भी जारी कर दी थी। बीते दिनों गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कह दिया था कि कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद सरकार सीएए के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए लोगों को नागरिकता दी जाएगी। माना जा रहा है कि इस साल सीएए के तहत लोगों को नागरिकता देने की शुरुआत की जाएगी।