दहशत की अफवाह : दिल्ली में हिंसा फैलने की 1880 फर्जी खबरें फैलाने में 40 गिरफ्तार

रविवार की रात दिल्ली एक बार फिर फर्जी खबरों के चलते हिंसा और आगजनी की आग में जलने से बच गई। राष्ट्रीय राजधानी में बीती रात महज दो-तीन घंटे में दिल्ली पुलिस नियंत्रण कक्ष को 1880 सूचनाएं मिलीं।

Avatar Written by: March 2, 2020 8:55 pm
delhi police west delhi

नई दिल्ली। रविवार की रात दिल्ली एक बार फिर फर्जी खबरों के चलते हिंसा और आगजनी की आग में जलने से बच गई। राष्ट्रीय राजधानी में बीती रात महज दो-तीन घंटे में दिल्ली पुलिस नियंत्रण कक्ष को 1880 सूचनाएं मिलीं। सभी सूचनाएं जांच में फर्जी (भ्रामक) पाई गईं। ये सूचनाएं अलग-अलग जिलों से मिलीं।

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अफवाह फैलाने वाली सबसे ज्यादा खबरें (481) पश्चिमी जिला पुलिस कंट्रोल रूम को मिलीं। दक्षिण-पूर्वी, द्वारका, बाहरी और रोहिणी जिला इन अफवाहों की खबरें पाने में क्रमश: दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें नंबर पर रहे। अफवाहें फैलाकर राजधानी में शांति भंग कराने की कोशिश करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने 40 लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार होने वालों में सबसे ज्यादा आरोपी उत्तर पश्चिमी दिल्ली जिला के हैं।

उत्तर-पश्चिमी दिल्ली जिले में दंगे की गलत सूचनाएं देकर हड़कंप मचाने के आरोप में इस जिला पुलिस ने सबसे ज्यादा 21 लोगों को गिरफ्तार किया। ऐसी अफवाहें फैलाने वालों को पकड़ने में दक्षिणी जिला पुलिस दूसरे नंबर पर और रोहिणी जिला पुलिस तीसरे नंबर पर रही।

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इन दोनों जिलों में क्रमश: 18 और 1 शख्स को गिरफ्तार किया गया। रोहिणी जिले के एडिश्नल पुलिस कमिश्नर एस.डी. मिश्रा ने सोमवार को आईएएनएस को बताया, “एक शख्स को गिरफ्तार किया गया। जबकि दो को हिरासत में लिया गया। हिरासत में लिए गए दोनों संदिग्धों को पूछताछ के बाद रिहा कर दिया गया है। रिहा किए गए संदिग्धों ने मोटरसाइकिल के साइलेंसर से आ रही आवाज को गोलियां चलने की आवाज बताकर रोहिणी जिला पुलिस कंट्रोल रुम को सूचना दे दी थी। जबकि इन्हीं में से एक युवक ने हैदरपुर इलाके में कई बच्चों के दंगाइयों के बीच फंस जाने की अफवाह फैलाने की कोशिश की थी।”

दिल्ली पुलिस मुख्यालय के मुताबिक, “दिल्ली में दंगा फैलने की सबसे ज्यादा अफवाहें फैलाए जाने की सूचनाएं पश्चिमी जिला (481) से आयीं। दूसरे नंबर पर दक्षिण-पश्चिमी जिला (413 सूचनाएं) रहा। जबकि द्वारका जिला (310), बाहरी दिल्ली जिला (222), रोहिणी जिला (168), दक्षिणी जिला (127), उत्तर पश्चिमी जिला (54), मध्य जिला (35), दक्षिण पश्चिम जिला (30), बाहरी उत्तर जिला (22), पूर्वी जिला (6), उत्तरी जिला (6), शाहदरा जिला (4), उत्तर पूर्वी जिला (2) क्रमश: तीसरे, चौथे, पांचवें, छठे, सातवें, आठवें, नौवें, दसवें, ग्यारहवें, बारहवें, चौदहवें नंबर पर रहे।

दिल्ली पुलिस मुख्यालय से ही आईएएनएस को मिले आंकड़ों के अनुसार, “खास बात यह रही कि नई दिल्ली जिले से रविवार की रात अफवाह फैलाने की कोई सूचना दिल्ली पुलिस या जिला दिल्ली पुलिस कंट्रोल रुम को नहीं मिली। इसी इलाके से देश की हुकूमत चलती है। मतलब संसद से लेकर राष्ट्रपति भवन तक यहां मौजूद है। इसी तरह 24 और 25 फरवरी को दिल्ली पुलिस के निकम्मेपन से हिंसा की आग में जल चुके उत्तर पूर्वी जिला रविवार की रात अफवाहों से दूर रहा। यहां जिला पुलिस कंट्रोल रुम को इलाके में हिंसा फैलने की महज 2 सूचनाएं ही मिलीं। वे भी जांच में गलत पाई गईं।”

दिल्ली पुलिस के ही इन आंकड़ों के मुताबिक, “दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल जिस जिले में (उत्तरी जिला) रहते हैं, वहां के पुलिस कंट्रोल रूम में हिंसा फैलने की महज 6 खबरें ही आईं। जांच में सबकी सब सूचनाएं अफवाह भर निकलीं।”

उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिले से सटे शाहदरा जिले से इलाके में हिंसा फैलने की मात्र 3 फर्जी खबरें ही पुलिस कंट्रोल रूम को मिलीं।

IPS Officer SN Shrivastava Delhi

उल्लेखनीय है कि 24-25 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिले में फैली हिंसा की आग में शाहदरा जिला डीसीपी अमित शर्मा बुरी तरह जख्मी हो गए थे। उनके सिर में गंभीर चोटें आई थीं। वे बलवाइयों की भीड़ में घिर गए थे। बलवाइयों ने उनकी सरकारी कार को भी फूंक डाला था। अमित शर्मा का घटना वाले दिन से ही पटपड़गंज स्थित मैक्स अस्पताल में इलाज चल रहा है। अब उनकी हालत खतरे से बाहर है।

इस बीच, दिल्ली पुलिस साइबर क्राइम सेल ने हिंसा की अफवाह फैलाने के आरोप में अभिषेक शुक्ला (24) को गिरफ्तार कर लिया। अभिषेक ने सोशल मीडिया के जरिये दिल्ली के निहाल विहार इलाके में बलवा होने की अफवाह फैलाई थी। अभिषेक के सोशल मीडिया पर 10 हजार से ज्यादा फॉलोवर हैं। पुलिस ने अभिषेक का मोबाइल भी जब्त कर लिया है।