नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लॉकडाउन घोषित किया। लॉकडाउन से होने वाले फायदे को देखते हुए सरकार ने दूसरी बार लॉकडाउन बढ़ाया। लॉकडाउन के पहले चरण से लेकर अब तक प्रवासियों के उग्र व्यवहार, राज्यों की ओर से हो रही मांग और कुछ स्तर पर हो रही राजनीति के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में भी प्रवासियों को अपने गांव-घर जाने की अनुमति दे दी है। बुधवार को दिशानिर्देश जारी कर इसका खाका भी बना दिया है। यानी अलग अलग राज्यों मे फंसे मजदूर, छात्र, तीर्थयात्री, पर्यटक सड़क मार्ग से अपने घर लौट सकते हैं। लेकिन इसके लिए राज्यों के बीच आपसी सहमति होनी चाहिए और नोडल अधिकारी के जरिए ऐसे यात्रियों और समूहों को एक राज्य से भेजा जाएगा और दूसरे राज्य में उन्हें प्रवेश दिया जाएगा। इसके तहत वापसी के दौरान दो जगह पर स्क्रीनिंग की प्रक्रिया से गुजरना होगा और 14 दिन क्वारंटीन में भी रहना होगा।
लॉकडाउन के दूसरे चरण के खत्म होने में अभी चार दिन बचे हैं। उससे पहले केंद्र सरकार ने दो कारणों से इस पर फैसला लिया है। पहला कारण तो यह है कि राज्यों की ओर से नीति की मांग की जा रही थी। दूसरा कारण यह है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद किसी अफरातफरी की स्थिति से बचने की कोशिश भी हुई है। ऐसी स्थिति बनने पर ज्यादा बड़ी परेशानी हो सकती है। जिसके चलते सरकार लॉकडाउन में भी प्रवासियों को अपने-अपने स्थान पर पहुंचा देना चाहती है।
GoI issues order to State/UTs to facilitate Inter-State mvmt of stranded people inc. #MigrantLabourers, in the country.
All persons to be medically screened at source & destination; & kept in home/institutional quarantine on arrival, as per @MoHFW_INDIA guidelines.#COVID19 pic.twitter.com/4zfztwB2NA— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) April 29, 2020
गृहमंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देश के अनुसार वापसी की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए राज्यों को नोडल अधिकारियों को नियुक्त करना होगा। इसके साथ वापसी चाहने वाले सभी लोगों का पंजीकरण भी करना होगा। यानी वापस आने वालों की पूरी जानकारी रखी जाएगी। वापसी की प्रक्रिया शुरू होने के पहले सभी की स्क्रीनिंग की जाएगी और जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं होंगे, सिर्फ उन्हें ही इजाजत की जाएगी। वापसी के दौरान बीच में आने वाले राज्यों को इन बसों को निकलने की सुविधा देने को भी कहा गया है।
वापसी के बाद प्रवासियों का फिर से होगा स्वास्थ्य परीक्षण
वापसी के बाद प्रवासियों का एक बार फिर से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। इसके बावजूद उन्हें 14 दिन तक क्वारेंटाइन में रहना होगा। गृहमंत्रालय ने इन सभी के मोबाइल में आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड करने को कहा है ताकि क्वाररंटीन के दौरान उनपर नजर रखी जा सके। दौरान स्थानीय स्वास्थ्य कर्मी इन सभी के स्वास्थ्य की समय-समय पर जांच करते रहेंगे। दिशानिर्देश मे केवल बस का उल्लेख किया गया है। यानी निजी वाहनों से जाने पर रोक रह सकती है। दरअसल बस में जहां सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाएगा वहीं प्रत्येक व्यक्ति पर भी नजर होगी।