नई दिल्ली। बीते दिन शनिवार को राजस्थान के करौली में जुलूस के दौरान जमकर बवाल मचा गया था। हिंदू नववर्ष का जश्न मनाने के लिए एक धार्मिक जुलूस में पथराव हुआ था जिसके बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। वहीं बवाल को बढ़ता देखे करौली में कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई। पुलिस ने मामले में अब 40 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि 7 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। एक तरफ जहां राजस्थान के करौली में हुई को लेकर गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। भाजपा अब इस मुद्दे को लेकर राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई है। वहीं दूसरी ओर इस मामले एक और बड़ा खुलासा हुआ है। अब करौली घटना के तार आतंकी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़ता दिखाई दे रहा हैं।
दरअसल सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हो रहा है। जिसमें हिंदू नववर्ष की आड़ में प्रदेश में हिंसा फैलाने की साजिश रचने की बात कही है। हैरान करने वाली बात ये सामने आई है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद आसिफ ने बयान जारी करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री और डीजीपी को हिंसा की आशंका भी जताई थी। चिट्ठी में इस बात का भी जिक्र किया गया था कि 2-4 अप्रैल तक सूबे के अलग-अलग जिलों, तहसीलों और कस्बों में RSS और उसके संगठनों के जरिए हिंदू नववर्ष के मौके पर भगवा रैली आयोजित की जा रही है।
रैलियों मे धार्मिक उन्माद फैलाने और कानून व्यवस्था बिगड़ने की भी बात PFI ने कही थी। मगर सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर PFI को कैसे पता चला कि 2 से 4 अप्रैल के बीच राजस्थान के कई ज़िलों में सांप्रदायिक झगड़े हो सकते हैं? PFI का लेटर सामने आने के बाद अब सीएम गहलोत की मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे है।
लेकिन सवाल ये है कि अगर इस घटना से राजस्थान की गहलोत सरकार अवगत थी तो उन्होंने समय रहते इस हिंसा को रोकने के लिए बड़ा कदम क्यों नहीं उठाया? आखिर क्यों गहलोत सरकार जानकारी होने के बावजूद भी चुप्पी साधी रही । अब उनकी इस खामोशी पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने सवाल उठाए है और राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर जोरदार प्रहार किया है।
PFI wrote a letter in advance to Gehlot govt about violence in Karauli !
How did they know that there would be violence targeting the Hindu New Year Shobha Yatra ? Was it Sanyog or Prayog?
If PFI knew how did Rajasthan administration not know? Or did look the other way? 1/n
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) April 4, 2022