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वित्त वर्ष 2020-21 को लेकर आर्थिक सर्वेक्षण से आई खुश कर देनेवाली खबर

आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में शुक्रवार को कहा गया कि देश की अर्थव्यस्था में सुधार हो सकता है और जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2021 में 6 से 6.5 फीसदी हो सकती है।

नई दिल्ली। आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में शुक्रवार को कहा गया कि देश की अर्थव्यस्था में सुधार हो सकता है और जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2021 में 6 से 6.5 फीसदी हो सकती है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यह सर्वेक्षण संसद में पेश किया। मुख्य आर्थिक सलाहकार(CEA) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने बताया था, कि हमारी टीम ने 6 महीने के भीतर दूसरी बार आर्थिक सर्वे तैयार किया है।Finance Minister Nirmala Sitharaman

चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर पांच फीसदी रहने का अनुमान है।

सर्वेक्षण में सुझाव दिया गया है कि वृद्धि दर में तेजी लाने के लिए राजकोषीय समेकन को जीडीपी के मौजूद 3.3 प्रतिशत से सरल बनाने की जरूरत है।nirmala-sitharaman

वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्ती से गुजर रही है, और इसके लिए वेतन वृद्धि न होना, कृषि क्षेत्र में संकट, ऊंची महंगाई दर और औद्योगिक उत्पादन में गिरावट जिम्मेदार हैं।

कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 2.8 फीसदी संभव : आर्थिक सर्वेक्षण

आगामी वित्त वर्ष 2020-21 में कृषि एवं संबंधित क्षेत्र की आर्थिक विकास दर 2.8 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि चालू वित्त वर्ष में कृषि एवं संबंधित क्षेत्र की आर्थिक विकास दर 2.9 फीसदी रहने का अनुमान है। यह अनुमान शुक्रवार को जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में लगाया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत की आर्थिक विकास दर आगामी वित्त वर्ष 2020-21 में 6-6.5 फीसदी रहने का अनुमान है।

क्या है आर्थिक सर्वेक्षण और बजट से कैसे है इसका जुड़ाव

2020 का बजट सत्र राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अभिभाषण के साथ आज से शुरू हो गया। कल संसद के पटल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साल 2020-21 का बजट पेश करेंगी। इसके पहले सरकार की तरफ से आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है। ऐसे में यह देखना जरूरी होगा कि क्या आर्थिक सर्वेक्षण जारी होने से भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े सच को उजागर करने में कामयाबी मिल पाएगी या नहीं।pm modi nirmala sitaraman

बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट 1 फरवरी को पेश करने जा रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी दूसरी बार आम बजट पेश करेंगी।Finance Minister Nirmala Sitharamanवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई 2019 को पहली बार आम बजट पेश किया था। वित्त मंत्री आज संसद में आर्थिक सर्वेक्षण को पेश करेंगी।nirmala sitharaman

आर्थिक सर्वेक्षण को वित्त मंत्रालय का सबसे प्रमाणिक दस्तावेज माना जाता है। आर्थिक सर्वेक्षण में आर्थिक विकास का सालाना लेखाजोखा होता है। आर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं को समेटते हुए विस्तृत सांख्यिकी आंकड़े देता है। पिछले 1 साल में अर्थव्यस्था और सरकारी योजनाओं में क्या प्रगति हुई है। इसकी जानकारी भी आर्थिक सर्वेक्षण के जरिए ही मिलती है। आर्थिक सर्वेक्षण को वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार के द्वारा तैयार किया जाता है। मौजूदा समय में मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन हैं।nirmala sitaraman

वर्ष 2015 के बाद आर्थिक सर्वेक्षण को दो हिस्से में बांट दिया गया था। पहले हिस्से में अर्थव्यवस्था के बारे में जिक्र किया जाता है, जो कि बजट से 1 दिन पहले जारी किया जाता है। वहीं दूसरी हिस्से में महत्वपूर्ण आंकड़े शामिल होते हैं। बता दें कि फरवरी 2017 के बाद बजट के पेश करने के समय में बदलाव कर दिया गया. आर्थिक सर्वेक्षण में नीतिगत फैसले, आर्थिक आंकड़े, आर्थिक रिसर्च और क्षेत्रवार आर्थिक रूझानों का विश्लेषण शामिल होता है। सामान्तया ये माना जाता है कि आर्थिक सर्वेक्षण बजट के लिए दिशानिर्देश के रूप में भी कार्य करता है।nirmala 1

यह सर्वे इकोनॉमी की आधिकारिक तस्वीर पेश करता है। इकोनॉमिक सर्वे में जीडीपी, निवेश, निर्यात, एनपीए, राजकोषीय घाटा जैसी महत्वपूर्ण मामलों की सही तस्वीर सामने आएगी। वास्तव में यह भारतीय अर्थव्यवस्था के कई ‘छुपे सच’ को भी उजागर करेगा।

नौकरियों का भी आंकड़ा होगा पेशNirmala Sitharaman

पिछले कुछ वर्षों में मोदी सरकार रोजगार के मोर्चे पर लगातार विपक्ष के निशाने पर रही है। जीडीपी में गिरावट का असर नौकरियों पर भी पड़ा है और पीएफ या अन्य आंकड़े जारी कर सरकार यह बताने की कोशिश करती रही है कि लोगों को रोजगार मिल रहा है। लेकिन वास्तव में रोजगार की क्या स्थ‍िति रही है। आगे इसमें सुधार किस तरह से होगा, इसकी तस्वीर इकोनॉमिक सर्वे से मिलेगी।

निवेश और निर्यात जैसे आंकड़ेFinance Minister Nirmala Sitharaman

इकोनॉमिक सर्वे में इसका भी आंकड़ा आएगा कि पिछले एक साल में देश में निवेश और निर्यात आदि की क्या स्थ‍िति है। इसमें बैंकों के एनपीए, राजकोषीय घाटा, देश के ऊपर कर्ज, खेती और इंडस्ट्री के हालात का भी विवरण हासिल होगा।

बजट के बारे में आइडिया

आर्थ‍िक सर्वे से देश की इकोनॉमी की जो तस्वीर सामने आती है उससे यह आइडिया भी लग जाता है कि इस बार बजट किस तरह का हो सकता है। जैसे रोजगार की अगर स्थ‍िति बहुत खराब है तो यह माना जाता है कि बजट में इसके लिए कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है। इससे यह आइडिया मिलता है कि मांग, निवेश को बढ़ाने के लिए सरकार क्या उपाय कर सकती है।

सरकार को दिशाNirmala Sitharaman

इकोनॉमिक सर्वे में सरकार को इस बारे में सुझाव भी दिए जाते हैं कि आगे अर्थव्यवस्था की तरक्की के लिए कौन-से कदम उठाए जाने चाहिए।