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होगा पीएम केयर्स फंड का ऑडिट, स्वतंत्र ऑडिटर नियुक्त

लगातार पीएम केयर्स फंड को बनाने लेकर विपक्षी दल सरकार से सवाल भी करते रहे। कई बार इसमें आई धनराशि के आंकड़े सार्वजनिक करने की भी मांग उठी।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस से लड़ने के लिए धनराशि जुटाने के ख्याल से पीएम केयर्स फंड का गठन किया गया। इस कोरोना काल में लोगों ने जमकर इस फंड में दान भी दिए। लेकिन लगातार पीएम केयर्स फंड को बनाने लेकर विपक्षी दल सरकार से सवाल भी करते रहे। कई बार इसमें आई धनराशि के आंकड़े सार्वजनिक करने की भी मांग उठी। वहीं इसको लेकर अदालत का भी दरवाजा खटखटाया गया।

PM cares Fund

अब खबर निकलकर आ रही है कि पीएम केयर्स फंड का ऑडिट कराया जाएगा और इसके लिए स्वतंत्र ऑडिटर नियुक्त किया जा चुका है। विवादों और अदालती मामले से जूझते हुए मोदी सरकार ने शुक्रवार को पीएम केयर्स फंड की जानकारी अपडेट करने के लिए एक स्वतंत्र ऑडिटर की नियुक्ति की है। वहीं दो प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी मानद आधार पर फंड का संचालन करेंगे।

corona test

दरअसल, हाल ही में पीएम केयर्स फंड की जानकारी के लिए कोर्ट में आरटीआई दाखिल की गई थी। आरटीआई कार्यकर्ताओं ने पारदर्शिता की कमी का हवाला देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट में भी इस फंड को चुनौती दी थी। हालांकि इन आरटीआई का जवाब नहीं दिया गया।

PM cares Fund Modi

हालांकि अब आरटीआई आवेदनों में से कुछ प्रश्नों का उत्तर पीएम केयर्स फंड की वेबसाइट पर दिया गया है। इसके मुताबिक यह फंड 27 मार्च को एक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत हुआ था। इसका मुख्य कार्यालय दक्षिण ब्लॉक में पीएम कार्यालय के रूप में रजिस्टर है।

pm cares fund

हालांकि शुरुआत से ही पीएम केयर्स फंड विवादों से भरा हुआ है। दरअसल, पीएम केयर्स फंड के लिए सीएसआर दान को इजाजत है लेकिन सीएम राहत कोष के लिए नहीं है। इसके अलावा ढाई महीने के बाद भी बोर्ड के ट्रस्टी के नाम सामने नहीं आए हैं। पीएम नेशनल रिलीफ फंड के लिए कोई पीएसयू दान नहीं, लेकिन पीएम केयर्स के लिए इसकी इजाजत है। इसके अलावा विदेशी दान पर भी पारदर्शिता का अभाव है।