नई दिल्ली। सोमवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रैंड चैलेंजेज़ एनुअल मीटिंग 2020 के कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि, “भविष्य विज्ञान और इनोवेशन में निवेश करने वालों का होगा। लेकिन, इसके लिए विज्ञान और इनोवेशन में सही ढंग से निवेश करना होगा। तभी हमें सही समय पर इसका लाभ मिल सकता है।” पीएम मोदी ने कहा कि, भारत में, हमारे पास एक मजबूत और जीवंत वैज्ञानिक समुदाय है। हमारे पास अच्छे वैज्ञानिक संस्थान भी हैं। पिछले कुछ महीनों के दौरान COVID19 से लड़ने में वे भारत की सबसे बड़ी ताकत रहे हैं। देश में कोरोना के हालात पर पीएम मोदी ने इस वर्चुअल मीटिंग में कहा कि, “आज भारत में प्रतिदिन कोविड मामलों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है। भारत में रिकवरी रेट 88% है। यह इसलिए हुआ क्योंकि भारत लॉकडाउन अपनाने वाले सबसे पहले देशों में से एक था। मास्क के उपयोग को प्रोत्साहित किया गया। हम रैपिड एंटीजन टेस्ट करने वाले सबसे पहले देशों में रहे।”
आपको बता दें कि पिछले 15 सालों में ग्रैंड चैलेंजेज़ एनुअल मीटिंग ने स्वास्थ्य एवं विकास के क्षेत्र में उभरने वाली बड़ी से बड़ी चुनौतियां का सामना करने के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। ऐसे में इसका महत्व बढ़ जाता है।
We are setting up more medical colleges especially in rural areas. This ensure more opportunities for the youth. It brings better healthcare to our villages.
We are running the world’s largest health insurance scheme and ensuring access to everyone: PM Shri @narendramodi pic.twitter.com/iXVC5LNGnw
— BJP (@BJP4India) October 19, 2020
गौरतलब है कि ग्रैंड चैलेंजेज़ एनुअल मीटिंग 2020 का आयोजन वर्चुअल माध्यम से आज से 21 अक्टूबर के बीच होगा। इसका उद्देश्य दुनिया भर के अग्रणी वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं को एक मंच पर एक साथ लाना है ताकि उभरती स्वास्थ्य चुनौतियां का समाधान पाने के लिए वैज्ञानिक साझेदारी को और प्रगाढ़ किया जा सके। विशेष जोर ‘इंडिया फॉर द वर्ल्ड’ के साथ कोविड-19 पर रहेगा।
इस कार्यक्रम का सबसे बड़ा फायदा दुनिया के नेताओं के साथ-साथ जाने-माने वैज्ञानिक और शोधकर्ता विचार-विमर्श करना है। मंथन के केंद्र में महामारी के उपरांत टिकाऊ विकास लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए मुख्य प्राथमिकताएं और कोविड-19 के प्रबंधन में उभर रही चुनौतियों का सामना होगा।