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Video: सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर सवाल उठाने वाले विपक्ष को PM मोदी ने सुनाई खरी-खरी, दिया ऐसे करारा जवाब

PM Modi inaugurates Defence Offices Complexes in Delhi: पीएम मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर सवाल उठाने विपक्ष को जमकर खरी खोटी सुनाई। पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, ”जो लोग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पीछे डंडा लेकर पड़े थे, वे बड़ी चालाकी से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का ये भी एक हिस्सा है, जहां 7,000 से अधिक सेना के अफसर जहां काम करते हैं, वो व्यवस्था विकसित हो रही है उस पर बिल्कुल चुप रहते थे।”

नई दिल्ली। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू स्थित रक्षा कार्यालय परिसरों का उद्घाटन किया। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और सीडीएस जनरल बिपिन रावत मौजूद रहे। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, आजादी के 75वें वर्ष में आज हम देश की राजधानी को नए भारत की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुसार विकसित करने की तरफ एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहे हैं। ये नया डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स हमारी सेनाओं के काम काज को अधिक सुविधाजनक, अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करने वाला है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में ‘सेंट्रल विस्टा’ वेबसाइट को लॉन्च किया। पीएम मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर सवाल उठाने वाले विपक्ष को जमकर खरी खोटी सुनाई। पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, ”जो लोग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पीछे डंडा लेकर पड़े थे, वे बड़ी चालाकी से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का ये भी एक हिस्सा है, जहां 7,000 से अधिक सेना के अफसर जहां काम करते हैं, वो व्यवस्था विकसित हो रही है उस पर बिल्कुल चुप रहते थे।”

यहां देखिए वीडियो-

पीएम मोदी के संबोधन की अहम बातें-

जब नीति और नीयत साफ हो, इच्छाशक्ति प्रबल हो और प्रयास ईमानदार हों, तो कुछ भी असंभव नहीं होता, सब संभव होता है। देश की नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का निर्माण भी तय समय सीमा के भीतर पूरा होगा।

डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स का जो काम 24 महीने में पूरा होना था वो सिर्फ 12 महीने में पूरा किया गया है। वो भी तब जब कोरोना से बनी परिस्थितियों में लेबर से लेकर तमाम दूसरी चुनौतियां सामने थीं। कोरोना काल में सैकड़ों श्रमिकों को इस प्रोजेक्ट में रोजगार मिला है।

राजधानी की आकांक्षाओं के अनुरूप दिल्ली में नए निर्माण पर बीते वर्षों में बहुत जोर दिया गया है। जनप्रतिनिधियों के आवास हों, अंबेडकर जी की स्मृतियों को सहेजने के प्रयास हों, अनेक नए भवन हों, इन पर लगातार काम किया है।

आज जब हम Ease of living और Ease of doing business पर फोकस कर रहे हैं, तो इसमें आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की भी उतनी ही बड़ी भूमिका है। सेंट्रल विस्टा से जुड़ा जो काम आज हो रहा है, उसके मूल में यही भावना है।

जब हम राजधानी की बात करते हैं तो वो सिर्फ एक शहर नहीं होता। किसी भी देश की राजधानी उस देश की सोच, संकल्प, सामर्थ्य और संस्कृति का प्रतीक होती है। भारत तो लोकतंत्र की जननी है। इसलिए भारत की राजधानी ऐसी होनी चाहिए, जिसके केंद्र में लोक हो, जनता हो।

PM Narendra Modi

अब केजी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यु में बने ये आधुनिक ऑफिस, राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े हर काम को प्रभावी रूप से चलाने में बहुत मदद करेंगे। राजधानी में आधुनिक डिफेंस एऩ्क्लेव के निर्माण की तरफ ये बड़ा स्टेप है।

आज जब भारत की सैन्य ताकत को हम हर लिहाज से आधुनिक बनाने में जुटे हैं, आधुनिक हथियार से लेस करने में जुटे हैं, सेना की जरूरत की खरीद तेज हो रही है, तब देश की रक्षा से जुड़ा कामकाज दशकों पुराने तरीके से हो, ये कैसे संभव हो सकता है?