किसी देश के लिए अतीत की विभीषिकाओं को नजरअंदाज करना सही नहीं : प्रधानमंत्री मोदी
Jallianwala Bagh Memorial Inauguration: प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाशोत्सव हो, गुरु गोविंद सिंह जी का 350वां प्रकाशोत्सव हो या फिर गुरु तेगबहादुर जी का 400वां प्रकाशोत्सव हो। केंद्र सरकार ने प्रयास किया है कि पूरी दुनिया में इन पावन पर्वों के माध्यम से हमारे गुरुओं की सीख का विस्तार हो।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार की शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जलियांवाला बाग स्मारक के पुनर्निर्मित परिसर को राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि वो मासूम बालक-बालिकाएं, वो बहनें, वो भाई, जिनके सपने आज भी जलियांवाला बाग की दीवारों में अंकित गोलियों के निशान में दिखते हैं। वो शहीदी कुआं, जहां अनगिनत माताओं-बहनों की ममता छीन ली गई, उनका जीवन छीन लिया गया। उन सभी को आज हम याद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी देश के लिए अपने अतीत की ऐसी विभीषिकाओं को नजरअंदाज करना सही नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पंजाब की वीर भूमि को, जलियांवाला बाग की पवित्र मिट्टी को, मेरा प्रणाम! मां भारती की उन संतानों को भी नमन, जिनके भीतर जलती आजादी की लौ को बुझाने के लिए अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी गईं। 13 अप्रैल 1919 के वो 10 मिनट, हमारी आजादी की लड़ाई की वो सत्यगाथा बन गए, जिसके कारण आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना पा रहे हैं। ऐसे में आजादी के 75वें वर्ष में जलियांवाला बाग स्मारक का आधुनिक रूप देश को मिलना, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा का अवसर है।
PM Shri @narendramodi dedicates renovated #JallianwalaBaghSmarak to the nation. https://t.co/McfSwiiErM
— BJP (@BJP4India) August 28, 2021
उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग वो स्थान है जिसने सरदार उधम सिंह, सरदार भगत सिंह जैसे अनगिनत क्रांतिवीरों, बलिदानियों, सेनानियों को हिंदुस्तान की आजादी के लिए मर-मिटने का हौसला दिया। किसी भी देश के लिए अपने अतीत की ऐसी विभीषिकाओं को नजरअंदाज करना सही नहीं है। इसलिए, भारत ने 14 अगस्त को हर वर्ष ह्यविभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, जलियांवाला बाग जैसी ही एक और विभीषिका हमने भारत विभाजन के समय भी देखी है। पंजाब के परिश्रमी और जिंदादिल लोग तो विभाजन के बहुत बड़े भुक्तभोगी रहे हैं। विभाजन के समय जो कुछ हुआ, उसकी पीड़ा आज भी हिंदुस्तान के हर कोने में और विशेषकर पंजाब के परिवारों में हम अनुभव करते हैं।
उन्होंने कहा, आज दुनियाभर में कहीं भी, कोई भी भारतीय अगर संकट से घिरता है तो भारत पूरे सामथ्र्य से उसकी मदद के लिए खड़ा हो जाता है। कोरोना काल हो या फिर अफगानिस्तान का संकट, दुनिया ने इसे निरंतर अनुभव किया है। ऑपरेशन देवी शक्ति के तहत अफगानिस्तान से सैकड़ों साथियों को भारत लाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के महायज्ञ में हमारे आदिवासी समाज का बहुत बड़ा योगदान है। इतिहास की किताबों में इसको भी उतना स्थान नहीं मिला जितना मिलना चाहिए था। देश के 9 राज्यों में इस समय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों और उनके संघर्ष को दिखाने वाले म्यूजि़यम्स पर काम चल रहा है।
उन्होंने कहा, हमारे पुलिस के जवानों और अर्धसैनिक बलों के लिए भी आजादी के इतने दिनों तक देश में कोई राष्ट्रीय स्मारक नहीं था। आज पुलिस और अर्धसैनिक बलों को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक भी देश की नई पीढ़ी को प्रेरित कर रहा है। पंजाब में तो शायद ही ऐसा कोई गांव, ऐसी कोई गली है जहां शौर्य और शूरवीरता की गाथा न गाता हो। गुरुओं के बताए हुए रास्ते पर चलते हुए पंजाब के बेटे-बेटियां मां भारती की तरफ टेढ़ी नजर रखने वालों के सामने चट्टान बनकर खड़े हो जाते हैं।
Join me as we inaugurate the renovated complex of Jallianwala Bagh Smarak today at 6:25 PM. I also invite you to watch the sound and light show. It would display the horrific massacre of April 1919 and instil a spirit of gratitude and reverence towards the martyrs. pic.twitter.com/p2BDHUbXAJ
— Narendra Modi (@narendramodi) August 28, 2021
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाशोत्सव हो, गुरु गोविंद सिंह जी का 350वां प्रकाशोत्सव हो या फिर गुरु तेगबहादुर जी का 400वां प्रकाशोत्सव हो। केंद्र सरकार ने प्रयास किया है कि पूरी दुनिया में इन पावन पर्वों के माध्यम से हमारे गुरुओं की सीख का विस्तार हो। सुल्तानपुर लोधी को हेरिटेज टाउन बनाने का काम हो, करतारपुर कॉरीडोर का निर्माण हो, ये इसी प्रयास का हिस्सा है। पंजाब की दुनिया के अलग अलग देशों से कनेक्टिविटी हो या फिर देशभर में हमारे जो गुरु स्थान हैं, उनकी कनेक्टिविटी को सशक्त किया गया है।