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Morbi Bridge Collapse: आज मोरबी जाएंगे PM मोदी, कल गुजरात में शोक का दिन, पुल हादसा मामले में सारे अपडेट जानिए यहां

मच्छू नदी पर ये पुल अंग्रेजों के दौर में साल 1880 में बनकर तैयार हुआ था। यहां एक किला है। नदी के दूसरी तरफ भी किला है। दोनों किलों के बीच आने-जाने के लिए स्थानीय शासक ने झूला पुल बनवाया था। मरम्मत के लिए इसे 7 महीने तक बंद रखा गया था। हादसे से सिर्फ 5 दिन पहले ही पुल को खोला गया था कि हादसा हो गया।

मोरबी। पीएम नरेंद्र मोदी आज गुजरात के मोरबी जाएंगे। यहां रविवार को मच्छू नदी पर बने झूला पुल के टूटने से 134 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद अब भी करीब 100 लोग लापता बताए जा रहे हैं। पीएम मोदी हादसा स्थल के अलावा स्थानीय अस्पताल जाकर वहां घायलों से मुलाकात करेंगे। गुजरात सरकार ने फैसला किया है कि बुधवार यानी कल मोरबी हादसे के मृतकों के सम्मान में राज्य में शोक मनाया जाएगा। मोरबी में रविवार शाम को पुल टूटने के बाद जो राहत और बचाव का काम किया जा रहा था, वो सोमवार रात बंद कर दिया गया। आज से फिर लापता लोगों को तलाशने का काम होगा।

PM Modi meet on morbi bridge collapse

पीएम मोदी ने इससे पहले सोमवार रात को सीएम भूपेंद्र पटेल और अफसरों के साथ मोरबी पुल हादसे के कारणों पर बड़ी बैठक की। उन्होंने घायलों को सभी संभव और बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के लिए कहा। साथ ही राज्य सरकार ने इस बैठक के बाद तय किया कि किसी भी मृतक का पोस्टमॉर्टम नहीं किया जाएगा। सभी मृतकों के शव पहचान के बाद उनके परिवार को सौंपे जा रहे हैं। इस हादसे में कई परिवारों के सात से आठ लोगों ने जान गंवाई है। बीजेपी के एक सांसद के तो 12 रिश्तेदार इस हादसे में मारे गए हैं।

morbi bridge collapse 1
मोरबी पुल टूटकर गिरने के बाद ऐसा दिख रहा था

बता दें कि मच्छू नदी पर ये पुल अंग्रेजों के दौर में साल 1880 में बनकर तैयार हुआ था। यहां एक किला है। नदी के दूसरी तरफ भी किला है। दोनों किलों के बीच आने-जाने के लिए स्थानीय शासक ने झूला पुल बनवाया था। मरम्मत के लिए इसे 7 महीने तक बंद रखा गया था। हादसे से सिर्फ 5 दिन पहले ही पुल को खोला गया था। पुल की मरम्मत जिस ओरेवा कंपनी से कराई गई थी, वो घड़ी और लैंप वगैरा बनाती है। ऐसे में विपक्ष सवाल उठा रहा है कि आखिर किस वजह से पुल के मरम्मत का जिम्मा इस कंपनी को दिया गया। गुजरात सरकार ने इस मामले में एसआईटी बनाई है। 9 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर किसी रिटायर्ड जज से घटना के कारणों की जांच की मांग भी की गई है।