नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रोड सेफ्टी और बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को लेकर बात की। उन्होंने 2024 तक सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने की भी बात की। इसके अलावा कारों में सेफ्टी फीचर्स को लेकर भी बात की और चिंता जताई की क्या भारत के लोगों की जान की कोई कीमत नहीं है। इसी दौरान गडकरी ने अपनी जवानी का एक किस्सा भी शेयर किया कि कैसे उन्होंने भी ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं किया था। तो चलिए जानते हैं कि नितिन गडकरी ने अपने पूरे बयान में क्या कहा।
शेयर किया जवानी का किस्सा
रोड सेफ्टी पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने जीवन से जुड़ा एक किस्सा भी शेयर किया। उन्होंने बताया कि जवानी में उन्होंने भी ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाई थी। उन्होंने बताया कि वो खुद जवानी में नियमों का पालन नहीं करते थे। उस वक्त अहसास नहीं होता है कि ये कितना खतरनाक हो सकता है। कॉलेज चुनाव के दौरान एक स्कूटर पर बिना हेलमेट लगाए चार-चार लोग घूमते थे। इतना ही नहीं नंबर प्लेट को हाथ से छिपा लेते थे जिससे कोई हमारा चालान नहीं काट सके, लेकिन अब लगता है कि हम कितना गलत करते थे। अब समय आ गया है कि लोगों का माइंडसेट बदलना होगा। लोगों को अब ट्रैफिक नियमों का महत्व समझना होगा।
सड़क हादसों को कम करने का लक्ष्य
साइरस मिस्त्री के निधन पर बात करते हुए गडकरी ने कहा कि अहमदाबाद-मुंबई हाईवे बहुत खतरनाक हाईवे है। जहां एक्सीडेंट रेट काफी ज्यादा है। वहां का ट्रैफिक PCU 1.20 लाख है जिसे हमें कम करके 20 हजार PCU तक करना है। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि 2024 तक सड़क हादसों को 50 फीसदी तक कम किया जा सके। कारों में सेफ्टी फीचर्स पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब भारत से गाड़ी को बाहर भेजा जाता है तो 6 छह एयरबैग लगाकर दिया जाता है लेकिन भारत में वहीं गाड़ी 4 एयरबैग के साथ मिलती है…ये बहुत गलत बात है…क्या भारतीय लोगों के जान की कोई कीमत नहीं है।