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किसान आंदोलन के बीच PM मोदी का बड़ा बयान, कहा- नए कृषि कानूनों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था…

PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री मोदी एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र के नए कृषि कानूनों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। साथ ही 12 करोड़ छोटे किसानों को भी फायदा मिलेगा।

नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर देशभर में किसानों का आंदोलन लगातार जारी हैं। केंद्र सरकार तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले तीन महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कृषि को लेकर आयोजित एक वेबिनार में नए कृषि कानूनों पर बड़ा बयान दिया है। साथ ही पीएम मोदी ने किसानों को मंत्र भी दिया है। बजट में कृषि को लेकर हुई घोषणाओं पर प्रधानमंत्री मोदी एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र के नए कृषि कानूनों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। साथ ही 12 करोड़ छोटे किसानों को भी फायदा मिलेगा।

पीएम मोदी के संबोधन की अहम बातें-

एग्रीकल्चर सेक्टर में R&D को लेकर ज्यादातर योगदान पब्लिक सेक्टर का ही है। अब समय आ गया है कि इसमें प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़े।

हमें अब किसानों को ऐसे विकल्प देने हैं जिसमें वो गेहूं-चावल उगाने तक ही सीमित न रहे। ऑर्गेनिक फूड से लेकर सलाद से जुड़ी सब्जियों तक, ऐसी अनेक फसलें हैं, जो हम आज़मा सकते हैं।

ऑपरेशन ग्रीन्स योजना के तहत किसान रेल के लिए सभी फलों और सब्जियों के परिवहन पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। किसान रेल भी आज देश के कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क का सशक्त माध्यम बनी है।

हमें देश के एग्रीकल्चर सेक्टर का, Processed Food के वैश्विक मार्केट में विस्तार करना ही होगा। हमें गांव के पास ही Agro-Industries Clusters की संख्या बढ़ानी ही होगी ताकि गांव के लोगों को गांव में ही खेती से जुड़े रोज़गार मिल सकें।

PM Narendra Modi

आज हमें एग्रीकल्चर के हर सेक्टर में, हर खाद्यान्न, हर सब्जी, फल, फिशरीज, सभी में Processing पर सबसे ज्यादा फोकस करना है। और Processing की व्यवस्था सुधारने के लिए जरूरी है- किसानों को अपने गांव के पास ही स्टोरेज की आधुनिक सुविधा मिले।

खेत से Processing Unit तक पहुंचने की व्यवस्था सुधारी जाए, Processing unit की हैंड होल्डिंग, Farmer Producer Organisations मिलकर करें।

लगातार बढ़ते हुए कृषि उत्पादन के बीच, 21वीं सदी में भारत को Post Harvest क्रांति या फिर Food Processing क्रांति और Value Addition की आवश्यकता है। देश के लिए बहुत अच्छा होता अगर ये काम दो-तीन दशक पहले ही कर लिया गया होता।