
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के सूरत में ‘जल संचय जनभागीदारी’ अभियान का शुभारम्भ किया। ‘जल संचय जनभागीदारी’ अभियान का उद्देश्य समाज को जल संरक्षण के प्रति जागरूक कराना और जल संरक्षण में लोगों की भागीदारी को बढ़ाना है। पीएम ने इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, पिछले दिनों देश के हर कोने में जो वर्षा का तांडव हुआ, देश का शायद ही कोई इलाका होगा जिसको इस मुसीबत से संकट को झेलना न पड़ा हो। मैं कई वर्षों तक गुजरात का मुख्यमंत्री रहा लेकिन एक साथ इतने सभी तहसीलों में, इतनी तेज बारिश मैंने न कभी सुनी और न कभी देखी थी। लेकिन इस बार गुजरात में बहुत बड़ा संकट आया। सारी व्यवस्थाओं की ताकत यही थी कि प्रकृति के इस प्रकोप के सामने हम टिक पाएं। गुजरात के लोगों का अपना एक स्वभाव है, देशवासियों का स्वभाव और सामर्थ्य है कि संकट की घड़ी में कंधे से कंधा मिलाकर हर कोई हर किसी की मदद करता है।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi launches ‘Jal Sanchay Jan Bhagidari’ initiative in Gujarat, virtually
He says, ” Today, an important campaign is being launched from the land of Gujarat, by Jal Shakti Ministry. Before this, in the recent past, there was a rain havoc in… pic.twitter.com/o2fsXZkTju
— ANI (@ANI) September 6, 2024
पीएम बोले, आज भी देश के कई भाग ऐसे हैं जो भयंकर परिस्थितियों के कारण परेशानियों से गुजर रहे हैं। जल संचय सिर्फ एक नीति नहीं है, यह एक प्रयास भी है और यूं कहें तो यह एक पुण्य भी है। इसमें उदारता और उत्तरदायित्व दोनों शामिल हैं। मोदी ने कहा कि जब हमारी आने वाली पीढ़ियां हमारा आंकलन करेंगी, तो पानी के प्रति हमारा रवैया, ये शायद उनका पहला पैरामीटर होगा, क्योंकि यह केवल संसाधनों का प्रश्न नहीं है, बल्कि जीवन और मानवता के भविष्य का सवाल है, इसलिए हमने स्थायी भविष्य के लिए जिन नौ संकल्पों को सामने रखा है उनमें जल संरक्षण पहला संकल्प है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में जनभागीदारी और जनआंदोलन से जल संरक्षण और प्रकृति संरक्षण का अनूठा अभियान चल रहा है। आज ‘जल संचय जनभागीदारी’ अभियान का शुभारंभ करते हुए अत्यंत हर्ष की अनुभूति हो रही है।
Watch: PM Narendra Modi says, “Friends, water conservation is not just a policy; it is also an effort and, you could say, a virtue. It involves both generosity and responsibility. When future generations assess us, our attitude towards water will likely be their primary… pic.twitter.com/fvkKA0oqBs
— IANS (@ians_india) September 6, 2024