Corona Vaccine: कोरोना वैक्सीन पर राजनीतिक बवाल, जेपी नड्डा का करारा जवाब- भारत की उपलब्धियों विपक्ष को नहीं होता गर्व

Corona Vaccine:विपक्ष के द्वारा वैक्सीन को लेकर जारी सियासत के बीच भाजपा (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने कांग्रेस नेताओं को करारा जवाब दिया है। जेपी नड्डा ने कांग्रेस और विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि किसी को भी भारतीय उपलब्धि पर गर्व नहीं होता है।

Avatar Written by: January 3, 2021 6:10 pm
BJP JP Nadda Nalanda Rally

नई दिल्ली। कोरोना की दो देसी वैक्सीन को सरकार की तरफ से मंजूरी दे दी गई। इस पर राजनीति तेज हो गई है। इसको लेकर सबसे ज्यादा सवाल कांग्रेस की तरफ से उठाया जा रहा है। इस मामले में समाजवादी पार्टी भी पीछे नहीं रही है। देश में DCGI ने दो कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड को आपात प्रयोग की मंजूरी दे दी। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के वैज्ञानिकों को और जनता को इसके लिए बधाई दी है। लेकिन अब इन दोनों वैक्सीन के आपात प्रयोग को मंजूरी मिलते ही इसपर सियासत भी जोरों पर है। इस वैक्सीन को मंजूरी मिलते ही सबसे पहले इसका विरोध करने मैदान में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव उतरे और उन्होंने इस वैक्सीन को भाजपा की वैक्सीन बताकर इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद कांग्रेस नेता सलमान निजामी ने इस वैक्सीन को फ्रॉड बता दिया। इतने पर ही विरोध करा सिलसिला नहीं रूका इस वैक्सीन का विरोध करने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर और जयराम रमेश भी आ गए। सपा के एक नेता ने तो यहां तक कह दिया कि इस वैक्सीन के इस्तेमाल से नपुंसकता आएगी। इन दोनों वैक्सीन का इतना विरोध होता देख ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को आगे आना पड़ा और उन्होंने इन सारे दावों को खारिज करते हुए कहा कि वैक्सीन 110 प्रतिशत सु​रक्षित हैं। किसी भी वैक्सीन के थोड़े साइड इफेक्ट होते हैं जैसे दर्द, बुखार, एलर्जी होना।

Rahul Gandhi JP Nadda

विपक्ष के द्वारा वैक्सीन को लेकर जारी सियासत के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेताओं को करारा जवाब दिया है। जेपी नड्डा ने कांग्रेस और विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि किसी को भी भारतीय उपलब्धि पर गर्व नहीं होता है। उन्हें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि COVID-19 वैक्सीन पर उनके झूठ का इस्तेमाल निहित स्वार्थी समूहों द्वारा अपने एजेंडे के लिए कैसे किया जाएगा। भारत के लोग इस तरह की राजनीति को खारिज करते रहे हैं और भविष्य में भी ऐसा करते रहेंगे।


इसके साथ ही जेपी नड्डा ने आगे लिखा कि COVID-19 महामारी के भारत में आने के एक साल के भीतर, हमारे वैज्ञानिकों और नवप्रवर्तकों ने इस महामारी को ठीक करने के लिए एक वैक्सीन के लिए कड़ी मेहनत की है। पूरा देश इस उपलब्धि से खुश है, लेकिन विपक्ष और खासकर कांग्रेस का नेतृत्व इसको लेकर क्रोध, उपहास और तिरस्कार से भरा है।


जेपी नड्डा ने आगे लिखा कि अपनी खुद की विफल राजनीति और दकियानूसी एजेंडों को आगे बढ़ाने के लिए, कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेता लोगों के मन में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं उनसे अन्य मुद्दों पर राजनीति करने का आग्रह करता हूं, उन्हें लोगों के कीमती जीवन और कड़ी मेहनत की आजीविका से खेलने से बचना चाहिए।


अब कोरोना वायरस वैक्सीन पर दिए अखिलेश यादव के विवादित बयान पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी उनके समर्थन में आ गए हैं। राशिद अल्वी से पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश और शशि थरूर इस वैक्सीन की मंजूरी पर सवाल उठा चुके हैं। लेकिन राशिद अल्वी ने इस वैक्सीन का विरोध करते और अखिलेश यादव के बयान का समर्थन करते हुए जो कहा वह सच में उनका बेतुका बयान ही है। राशिद अल्वी ने अखिलेश के बयान पर कहा कि उनकी चिंता जायज है। सरकार जिस तरह से सीबीआई, ईडी सहित अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष के नेताओं और उनकी राजनीति को खत्म करने के लिए कर रही है ऐसे में ये भी चिंताजनक है कि इस वैक्सीन का इस्तेमाल भी देश की जनता को लिए तो फायदेमंद हो सकती है लेकिन विपक्ष के नेताओं पर इस वैक्सीन का गलत इस्तेमाल कर सकती है। ऐसे में अखिलेश यादव की चिंता जायज है। जिस तरह से पी चिदंबरम और हुड्डा को लगातार परेशान किया जा रहा है। जैसे पी चिदंबरम को जेल में रखा गया ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि इस वैक्सीन का इस्तेमाल विपक्ष के नेताओं के खिलाफ भी हो सकता है। ताकि विपक्ष को खत्म किया जा सके। ऐसे में  “विपक्षी नेताओं में इस वैक्सीन को लेकर आशंका होगी”।


वहीं भारत की इस पहल का WHO ने जमकर स्वागत किया है। इस तरह भारत की तरफ से दी गई कोरोना वैक्सीन को मंजूरी पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि इससे कोरोना के खिलाफ जंग में मजबूती आएगी। डब्ल्यूएचओ साउथ ईस्ट एशिया रीजन ने इस मंजूरी पर बयान जारी करते हुए कहा कि भारत ने यह शानदार पहल की है और यह जो निर्णय भारत की तरफ से लिया गया है इससे कोरोनावायरस जैसी जानलेवा महामारी के खिलाफ लड़ाई को तेज करने के साथ इसे और मजबूत करने में मदद मिलेगी।


वहीं इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने को लेकर नरेंद्र मोदी ने देश की जनता और वैज्ञानिकों को बधाई दी।

हालांकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस वैक्सीन की मंजूरी को लेकर भारत के वैज्ञानिकों की सराहना की और उन्होंने स्वदेशी वैक्सीन की सफलता पर वैज्ञानिकों को बधाई भी दी। मायावती ने रविवार को इसको लेकर एक ट्वीट भी किया। इस ट्वीट में मायावती ने लिखा, अति-घातक कोरोनावायरस महामारी को लेकर आए स्वदेशी वैक्सीन (टीके) का स्वागत व वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई। साथ ही, केन्द्र सरकार से विशेष अनुरोध भी है कि देश में सभी स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ सर्वसमाज के अति-गरीबों को भी इस टीके की मुफ्त व्यवस्था की जाए तो यह उचित होगा।


इससे पहले ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने सीरम इंस्टीट्यूट की ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।साथ ही मैसर्स केडिला हेल्थकेयर को भारत में तीसरे चरण के ​क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति दी गई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन को आपातकालीन स्थिति में रिस्ट्रिक्टेड यूज की अनुमति दी जाती है।


कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलते ही शशि थरूर ने निशाना साधते हुए कहा कि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन ने अभी फेज 3 का ट्रायल पूरा नहीं किया है। ऐसे में यह अप्रूवल अपरिपक्वता में दी गई है और यह घातक हो सकता है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन से इस बारे में स्पष्टीकरण भी मांगा है। उन्होंने इसके ट्रायल पूरा होने तक इसे अनुमति ना देने की बात भी कही साथ ही सरकार से ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को सही मानकर उसी पर काम करने की मांग की।


वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयराम रमेश ने भी वैक्सीन की मंजूरी पर सवाल उठाया है। कोवैक्सीन पर सवाल उठाते हुए रमेश ने स्वास्थ्य मंत्री से पूछा कि भारत बायो​टेक की कोवैक्सीन को मंजूरी देने के लिए सरकार ने क्यों अंतरराष्ट्रीय मानकों को नजरअंदाज किया। सरकार की तरफ से इस बात का स्पष्टीकरण देना जरूरी है।


हालांकि कोरोना वैक्सीन में राजनीति तलाश लेने वाले अखिलेश यादव के भी सुर अब बदले हुए से नजर आ रहे हैं। अखिलेश यादव ने अपने बयान से पलटी मारते हुए लिखा कि ‘कोरोना का टीकाकरण एक संवेदनशील प्रक्रिया है इसीलिए भाजपा सरकार इसे कोई सजावटी-दिखावटी इवेंट न समझे और अग्रिम पुख़्ता इंतज़ामों के बाद ही शुरू करे। यह लोगों के जीवन का विषय है अत: इसमें बाद में सुधार का ख़तरा नहीं उठाया जा सकता है।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘गरीबों के टीकाकरण की निश्चित तारीख घोषित हो।’

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