दिल्ली में प्रदूषित पानी पर सियासी वार, केजरीवाल और हर्षवर्धन में छिड़ा जंग
ट्वीट में यह भी दावा किया गया है कि विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार लोगों को साफ पानी तक मुहैया कराने में नाकाम रही है।
नई दिल्ली। एक ओर जहां दिल्ली की प्रदूषित हवा ने लोगों का दम घोंट रखा है तो वहीं अब प्रदूषित पानी का मुद्दा भी आमजन को परेशान कर रहा है। भारतीय मानक ब्यूरो(बीआईएस) की रिपोर्ट में दिल्ली की 11 जगहों से पाइप से आने वाले पानी के नमूने लिए गए जिनमें ज्यादातर नमूने मानकों को पूरा करने में असफल रहे। अब बीआईएस की इस रिपोर्ट पर सियासित बढ़ गई है।
केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट कर दावा किया है कि फ्री पानी के नाम पर अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता को जहर पिला रहे हैं। देश के 20 शहरों को पानी पर हुए सर्वे में दिल्ली का पानी सबसे ज्यादा जहरीला पाया गया।
सर, आप तो डॉक्टर हैं। आप जानते हैं कि ये रिपोर्ट झूठी है, राजनीति से प्रेरित है। आप जैसे व्यक्ति को ऐसी गंदी राजनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। https://t.co/1qAPxXORcw
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 17, 2019
ट्वीट में यह भी दावा किया गया है कि विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार लोगों को साफ पानी तक मुहैया कराने में नाकाम रही है। इस ट्वीट के जवाब में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सर आप तो डॉक्टर हैं। आप जानते हैं कि ये रिपोर्ट झूठी है, राजनीति से प्रेरित है। आप जैसे व्यक्ति को गंदी राजनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहिए।
यह मुद्दा इतना बड़ा हो गया है कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राष्ट्रीय राजधानी में ‘खराब पानी’ की गुणवत्ता का मामला संसद में भी गूंजा। इसे लेकर भाजपा के दो सांसदों ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर हमला बोला। उधर, केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करना चाहती, पर आप सरकार को चाहिए कि वह पीने के पानी की गुणवत्ता की जांच कराए। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक दिन पहले ही केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट को झूठा और राजनीति से प्रेरित बताया था, जिसमें दावा किया गया था कि दिल्ली की पानी की गुणवत्ता खराब है।
पासवान ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि मोदी सरकार ने 2024 तक हर घर में पीने का पानी लाने का लक्ष्य रखा है, इसी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया था कि पीने योग्य पानी की गुणवत्ता का परीक्षण किया जाना चाहिए। पासवान ने कहा कि पेयजल गुणवत्ता पर भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा दी गई रिपोर्ट 16 नवंबर को मीडिया के सामने पेश की गई थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली इस सूची में सबसे नीचे है। राज्य के 11 में से 11 नमूने 19 मापदंडों पर विफल रहे हैं। पासवान ने कहा, “मैं यह दावे के साथ कहना चाहता हूं कि कोई मुख्यमंत्री यह दावा नहीं कर सकता है कि हमने इस मामले में राजनीति की है।”
उन्होंने सुझाव दिया कि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों से पानी की गुणवत्ता का अनिवार्य मूल्यांकन करा सकती है।केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम ऐसे कदम का स्वागत करते हैं, दिल्ली सरकार हमें ऐसे अधिकारियों के नाम दे, जिन्हें वह पैनल में देखना चाहती है।”उन्होंने आगे कहा, “हम पानी के मुद्दे पर राजनीति नहीं कर रहे हैं, हम संसद से इस मुद्दे पर समर्थन चाहते हैं। पीने के साफ पानी को लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। हम दिल्ली सरकार से उन अधिकारियों के नाम बताने को कहते हैं जो पैनल का हिस्सा होंगे, और हम उनकी पसंद की प्रयोगशाला से इसका परीक्षण करवा सकते हैं।”इससे पहले भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी और मनोज तिवारी ने पानी की गुणवत्ता को लेकर दिल्ली सरकार पर हमला बोला था।