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Corona Vaccine: देश में कोरोना वैक्सीन की मंजूरी पर राजनीति जारी, लेकिन WHO ने माना भारत का लोहा

Corona Vaccine: वहीं भारत की इस पहल का WHO ने जमकर स्वागत किया है। इस तरह भारत की तरफ से दी गई कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को मंजूरी पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि इससे कोरोना के खिलाफ जंग में मजबूती आएगी। डब्ल्यूएचओ साउथ ईस्ट एशिया रीजन ने इस मंजूरी पर बयान जारी करते हुए कहा कि भारत ने यह शानदार पहल की है और यह जो निर्णय भारत की तरफ से लिया गया है इससे कोरोनावायरस जैसी जानलेवा महामारी के खिलाफ लड़ाई को तेज करने के साथ इसे और मजबूत करने में मदद मिलेगी।

नई दिल्ली। देश में DCGI ने दो कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड को आपात प्रयोग की मंजूरी दे दी है। दोनों ही देसी वैक्सीन हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के वैज्ञानिकों को और जनता को इसके लिए बधाई दी है। लेकिन अब इन दोनों वैक्सीन के आपात प्रयोग को मंजूरी मिलते ही इसपर सियासत भी जोरों पर है। इस वेक्सीन को मंजूरी मिलते हीं सबसे पहले इसका विरोध करने मैदान में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव उतरे और उन्होंने इस वैक्सीन को भाजपा की वेक्सीन बताकर इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद कांग्रेस नेता सलमान निजामी ने इस वैक्सीन को फ्रॉड बता दिया। इतने पर ही विरोध करा सिलसिला नहीं रूका इस वैक्सीन का विरोध करने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर और जयराम रमेश भी आ गए। सपा के एक नेता ने तो यहां तक कह दिया कि इस वेक्सीन के इस्तेमाल से नपुंसकता आएगी। इन दोनों वैक्सीन का इतना विरोध होता देख ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को आगे आना पड़ा और उन्होंने इन सारे दावों को खारिज करते हुए कहा कि वैक्सीन 110 प्रतिशत सु​रक्षित हैं। किसी भी वैक्सीन के थोड़े साइड इफेक्ट होते हैं जैसे दर्द, बुखार, एलर्जी होना।

WHO Corona vaccine

वहीं भारत की इस पहल का WHO ने जमकर स्वागत किया है। इस तरह भारत की तरफ से दी गई कोरोना वैक्सीन को मंजूरी पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि इससे कोरोना के खिलाफ जंग में मजबूती आएगी। डब्ल्यूएचओ साउथ ईस्ट एशिया रीजन ने इस मंजूरी पर बयान जारी करते हुए कहा कि भारत ने यह शानदार पहल की है और यह जो निर्णय भारत की तरफ से लिया गया है इससे कोरोनावायरस जैसी जानलेवा महामारी के खिलाफ लड़ाई को तेज करने के साथ इसे और मजबूत करने में मदद मिलेगी।


वहीं इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने को लेकर नरेंद्र मोदी ने देश की जनता और वैज्ञानिकों को बधाई दी।

हालांकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस वैक्सीन की मंजूरी को लेकर भारत के वैज्ञानिकों की सराहना की और उन्होंने स्वदेशी वैक्सीन की सफलता पर वैज्ञानिकों को बधाई भी दी। मायावती ने रविवार को इसको लेकर एक ट्वीट भी किया। इस ट्वीट में मायावती ने लिखा, अति-घातक कोरोनावायरस महामारी को लेकर आए स्वदेशी वैक्सीन (टीके) का स्वागत व वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई। साथ ही, केन्द्र सरकार से विशेष अनुरोध भी है कि देश में सभी स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ सर्वसमाज के अति-गरीबों को भी इस टीके की मुफ्त व्यवस्था की जाए तो यह उचित होगा।


इससे पहले ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने सीरम इंस्टीट्यूट की ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।साथ ही मैसर्स केडिला हेल्थकेयर को भारत में तीसरे चरण के ​क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति दी गई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन को आपातकालीन स्थिति में रिस्ट्रिक्टेड यूज की अनुमति दी जाती है।


कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलते ही शशि थरूर ने निशाना साधते हुए कहा कि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन ने अभी फेज 3 का ट्रायल पूरा नहीं किया है। ऐसे में यह अप्रूवल अपरिपक्वता में दी गई है और यह घातक हो सकता है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन से इस बारे में स्पष्टीकरण भी मांगा है। उन्होंने इसके ट्रायल पूरा होने तक इसे अनुमति ना देने की बात भी कही साथ ही सरकार से ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को सही मानकर उसी पर काम करने की मांग की।


वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयराम रमेश ने भी वैक्सीन की मंजूरी पर सवाल उठाया है। कोवैक्सीन पर सवाल उठाते हुए रमेश ने स्वास्थ्य मंत्री से पूछा कि भारत बायो​टेक की कोवैक्सीन को मंजूरी देने के लिए सरकार ने क्यों अंतरराष्ट्रीय मानकों को नजरअंदाज किया। सरकार की तरफ से इस बात का स्पष्टीकरण देना जरूरी है।


हालांकि कोरोना वैक्सीन में राजनीति तलाश लेने वाले अखिलेश यादव के भी सुर अब बदले हुए से नजर आ रहे हैं। अखिलेश यादव ने अपने बयान से पलटी मारते हुए लिखा कि ‘कोरोना का टीकाकरण एक संवेदनशील प्रक्रिया है इसीलिए भाजपा सरकार इसे कोई सजावटी-दिखावटी इवेंट न समझे और अग्रिम पुख़्ता इंतज़ामों के बाद ही शुरू करे। यह लोगों के जीवन का विषय है अत: इसमें बाद में सुधार का ख़तरा नहीं उठाया जा सकता है।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘गरीबों के टीकाकरण की निश्चित तारीख घोषित हो।’