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प्रणब दा के निधन पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने जताया शोक, कही ये बात

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उनके निधन से देश ने आजाद भारत के महान नेताओं में से एक को खो दिया।

नई दिल्ली। देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का आज दिल्ली के आर्मी रिसर्च और रेफरल अस्पताल में निधन हो गया। इस बात की जानकारी उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर दी। प्रणब लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे। पूर्व राष्ट्रपति 84 साल के थे। प्रणब 2012 से 2017 तक भारत के तेरहवें राष्ट्रपति रहे। प्रणब मुखर्जी को 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

Pranab Mukherjee

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उनके निधन से देश ने आजाद भारत के महान नेताओं में से एक को खो दिया। पूर्व पीएम ने कहा कि भारत सरकार में हम दोनों ने बेहद नजदीकी के साथ काम किया। उन्होंने ने कहा, ‘उन्होंने और मैंने भारत सरकार में बहुत नजदीकी के साथ काम किया। उनकी महान बुद्धी, विशाल ज्ञान और सार्वजनिक मामलों के उनके अनुभव पर मैं निर्भर था। इस दुख की घड़ी में मैं उनके परिवार के सभी सदस्यों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’

Manmohan Letter

प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी। रामनाथ कोविंद ने ट्वीट में लिखा कि प्रणब मुखर्जी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। उनका जाना एक युग का अंत है। प्रणब मुखर्जी ने देश की सेवा की, आज उनके जाने पर पूरा देश दुखी है।

दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, असाधारण विवेक के धनी, भारत रत्न श्री मुखर्जी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम था। 5 दशक के अपने शानदार सार्वजनिक जीवन में, अनेक उच्च पदों पर आसीन रहते हुए भी वे सदैव जमीन से जुड़े रहे। अपने सौम्य और मिलनसार स्वभाव के कारण राजनीतिक क्षेत्र में वे सर्वप्रिय थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख जताया। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूरा देश शोक में है। उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है। वह राजनीतिक स्पेक्ट्रम के पार और समाज के सभी वर्गों द्वारा प्रशंसित थे।’