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Prashant Kishor-Congress fallout: सामने आया प्रशांत किशोर का वो फॉर्मूला जो गांधी परिवार को मंजूर नही था, इसलिए कांग्रेस में शामिल नही हो पाए PK

Prashant Kishor-Congress fallout: खुद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से जानकारी देते हुए इस सस्पेंस से पर्दा हटा दिया। हालांकि कांग्रेस में एंट्री की महीनों से चल रही अटकलों पर जिस तरह से प्रशांत किशोर ने ब्रेक लगाया उसने लोगों को ये सोचने को मजबूर कर दिया है कि आखिर क्यों वो पार्टी में शामिल नहीं हुए?

नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीते कुछ दिनों से देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में शामिल होने की खबरें गर्म थी लेकिन पीके ने एक बार फिर गच्चा देते हुए पार्टी में शामिल होने से साफ इंकार कर दिया है। खुद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से जानकारी देते हुए इस सस्पेंस से पर्दा हटा दिया। हालांकि कांग्रेस में एंट्री की महीनों से चल रही अटकलों पर जिस तरह से प्रशांत किशोर ने ब्रेक लगाया उसने लोगों को ये सोचने को मजबूर कर दिया है कि आखिर क्यों वो पार्टी में शामिल नहीं हुए?

prashant kishor

अगर आपके भी मन में यही सवाल घूम रहा है तो जरा ठहरिए…हम आपको इसके पीछे की वजह तफसील से समझाते हैं। दरअसल, हुआ कुछ यूं है कि पीके ने कांग्रेस में शामिल होने और पार्टी को दोबारा जान देने के लिए जो फार्मूला बनाया था उसे स्वीकारना कांग्रेस के लिए थोड़ा मुश्किल था। पीके के फॉर्मूला पर सहमति जताना कांग्रेस और गांधी परिवार के भविष्य को लेकर बड़ा जोखिम उठाने जैसा था, जिसके लिए न तो गांधी परिवार तैयार था, न पार्टी के दूसरी पंक्ति के कद्दावर नेता। ऐसे में पार्टी ने इस फॉर्मूला को अपनाने से हाथ पीछे खींच लिए।

प्रशांत किशोर ट्वीट कर कही ये बात

मंगलवार को ट्विटर पर ट्वीट कर प्रशांत किशोर ने बताया, ”मैंने एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप 2024 का हिस्सा बनने, पार्टी में शामिल होने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने के कांग्रेस का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। मेरी राय में पार्टी की अंदरूनी समस्याओं को ठीक करने के लिए, कांग्रेस को मुझसे ज्यादा लीडरशिप और मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है।” प्रशांत किशोर की कही गई इन बातों से ये साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस में अभी बहुत ही ज्यादा सुधार की जरूरत है। यहां तक कि वो खुद इन सुधारों के लिए अपने आप को कम मान रहे हैं। उनका ये मानना है कि पार्टी में नेतृत्व के अलावा भी कई कमियां हैं जिन्हें ठीक करने की जरूरत है।

प्रशांत किशोर को चाहिए था फ्री हैंड

कांग्रेस, प्रशांत किशोर के फॉर्मूले, रणनीतिक कौशल और चुनाव प्रबंधन का पूरा लाभ लेना चाहती है लेकिन वो उन्हें अपनी कार्ययोजना अमल में लाने नहीं देना चाहती। जबकि प्रशांत किशोर इससे उलट फ्री हैंड चाहते थे। कहा ये भी जा रहा है कि कांग्रेस चाहती है कि पीके पार्टी में शामिल होकर अन्य नेताओं की तरह सीमित भूमिका और सीमित अधिकारों के साथ काम करें लेकिन वो प्रशांत को किसी भी मामले में हस्तक्षेप या बदलाव करने की पावर देने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि प्रशांत किशोर ने पार्टी (कांग्रेस) के लिए जिस तरह का फॉर्मूला दिया था वो मंजूर नहीं हो पाया जिसके चलते दोनों के बीच बातचीत बनते-बनते बिगड़ गई।