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PM Modi In Rajasthan: राजस्थान हाई कोर्ट के प्लेटिनम जुबली कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने फिर किया सिविल कोड का जिक्र, जानिए क्या रही पीएम के भाषण की खास बातें

PM Modi In Rajasthan: प्रधानमंत्री मोदी ने न्यायिक प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “हमारे यहां कोर्ट के आगे ‘चक्कर’ शब्द मंडेटरी हो गया था। कोर्ट का चक्कर, मुकदमे का चक्कर, जिसमें फंस गए तो कब निकलेंगे पता नहीं। आज उस ‘चक्कर’ शब्द को खत्म करने के लिए देश ने प्रभावी कदम उठाए हैं।”

नई दिल्ली। राजस्थान हाईकोर्ट की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर रविवार को प्लेटिनम जुबली समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट म्यूजियम का उद्घाटन भी किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भारतीय न्याय संहिता, आर्टिकल 370, और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के माध्यम से सरकार द्वारा किए गए सुधारों का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में ‘सेक्युलर सिविल कोड’ की भी चर्चा की, जिसे उन्होंने हाल ही में लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उठाया था। उन्होंने कहा, “मैंने 15 अगस्त को लाल किले से ‘सेक्युलर सिविल कोड’ की बात की थी। इस मुद्दे पर पहली बार कोई सरकार इतनी मुखर हुई है, लेकिन हमारी न्यायपालिका दशकों से इसकी वकालत करती आ रही है।”

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना और सीएए जैसे कानूनों का बनना, देश के संवैधानिक एकीकरण के उदाहरण हैं। उन्होंने कहा, “ऐसे मुद्दों पर राष्ट्रहित में स्वाभाविक न्याय क्या कहता है, यह हमारी अदालतों के निर्णय से स्पष्ट होता रहा है।”

न्याय प्रणाली में आईटी रेवोल्यूशन का महत्व

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने देश में आईटी रेवोल्यूशन का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा, “आईटी रेवोल्यूशन से न्याय व्यवस्था में कितना बड़ा बदलाव आ सकता है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण हमारी ई-कोर्ट्स हैं। नेशनल ज्यूडिशल डेटा ग्रिड से 26 करोड़ से ज्यादा मुकदमों की जानकारी एक सेंट्रलाइज्ड प्लेटफॉर्म पर जुड़ चुकी है।”

प्रधानमंत्री ने आगे बताया कि पूरे देश की 3,000 से ज्यादा कोर्ट और 12,000 से ज्यादा जेलें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ चुकी हैं। उन्होंने राजस्थान की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है।

‘चक्कर’ शब्द को खत्म करने की पहल

प्रधानमंत्री मोदी ने न्यायिक प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “हमारे यहां कोर्ट के आगे ‘चक्कर’ शब्द मंडेटरी हो गया था। कोर्ट का चक्कर, मुकदमे का चक्कर, जिसमें फंस गए तो कब निकलेंगे पता नहीं। आज उस ‘चक्कर’ शब्द को खत्म करने के लिए देश ने प्रभावी कदम उठाए हैं।”


उन्होंने कम खर्चीले वैकल्पिक विवाद समाधान (Alternate Dispute Resolution) की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जो न केवल ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देगा बल्कि ईज ऑफ जस्टिस को भी सुनिश्चित करेगा।

गरीब के सशक्तिकरण के लिए आईटी इंटिग्रेशन

प्रधानमंत्री ने आईटी सिस्टम के इंटिग्रेशन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि सभी अदालतें, सुप्रीम कोर्ट से लेकर जिला अदालतें, एक साथ जुड़कर काम करें। उन्होंने बताया कि राजस्थान के सभी जिला कोर्ट में इस इंटिग्रेशन प्रोजेक्ट की शुरुआत हो चुकी है। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत में न्यायिक दस्तावेजों को 18 भाषाओं में उपलब्ध कराने के लिए एक सॉफ्टवेयर बनाया गया है, जिससे स्थानीय भाषाओं में भी न्याय प्राप्त करना संभव हो सके।