newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

UP: यूपी ATS ने स्वामी प्रसाद के निजी सचिव अरमान खान को धर दबोचा, नौकरी के नाम पर ठगी का है आरोप

Uttar Pradesh: यूपी एसटीएफ ने बताया कि विगत काफी समय से फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। जिस संबंध में यूपी एसटीएफ की विभिन्न टीमों/ इकाईयों को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यूपी एसटीएफ (UP ATS) ने समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी सचिव अरमान खान को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने मौर्य के निजी सचिव व उसके गिरोह द्वारा बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले 4 युवकों को धर दबोचा है। बताया जा रहा है कि यह गिरोह बेरोजगार युवकों को पहले चिन्हित करते है और उन्हें सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर अपना निशाना बनाता था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम अरमान खान, मोहम्मद फैजी, असगर अली, विशाल गुप्ता और अमित राव हैं। खबरों के अनुसार, स्वामी प्रसाद मौर्य के निजी सचिव अरमान खान अपने कार्यालय का उपयोग सलाहकार इत्यादि के लिए करता रहता था और समय-समय पर बहानों से पूर्व मंत्री को अभ्यर्थियों से मिलता था।

इसके अलावा गिरफ्तार आरोपियों के पास से एसटीएफ को कई मोबाइल फोन, 57 चेक हस्ताक्षर किए हुए मिले हैं। साथ ही 05 नियुक्ति पत्र विभिन्न पदों के लिए, 14 व्यक्तियों के शैक्षिक प्रमाण-पत्र व अंक पत्र। इसके अलावा 01 एक्सयूवी 700 गाड़ी बिना रजिस्ट्रेशन नंबर की। 02 सचिवालय पास क्रम संख्यायुक्त बिना हस्ताक्षर के मिले है। यूपी एसटीएफ ने बताया कि विगत काफी समय से फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। जिस संबंध में यूपी एसटीएफ की विभिन्न टीमों/ इकाईयों को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था।

आगे बताया गया कि नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला एक गिरोह सक्रिय है जिसमें पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी सचिव अरमान, असगर अली, जमील, फैजी, विशाल गुप्ता, अमित राव, मुन्नवर आदि है जो बेरोजगार युवकों को बहला फुसलाकर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का कार्य करते है और अब तक करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं।

बता दें कि स्वामी प्रसाद ने यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक एन वक्त पहले भाजपा का साथ छोड़ सपा की साइकिल पर सवार हो गए थे। इतना ही नहीं सपा में शामिल होने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को हार का सामना भी करना पड़ा और वह अपनी फाजिलनगर सीट भी नहीं बचा सके।