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Video: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर प्रियंक कानूनगो ने बजाई केजरीवाल सरकार की बैंड, कहा- आप लोग सिर्फ ….

प्रियंक कानूनगो ने आगे कहा कि यूं तो दिल्ली सरकार राजधानी में प्रदूषण को खत्म करने की दिशा में कई कदम उठाने के दावे करती हैं, लेकिन इन दावों का जमीन पर कोई असर नहीं दिख रहा है। जिसका दुष्परिणाम किसी और को नहीं, ,सिर्फ और सिर्फ दिल्लीवासियों को बढ़ते प्रदूषण के रूप में झेलना पड़ रहा है।

नई दिल्ली। एनसीपीआर प्रमुख प्रियंक कानूनगो किसी ना किसी मसले को दिल्ली सरकार पर हमलावर रहते ही हैं। जिसकी वजह से कई मर्तबा उन्हें अपने आलोचकों की तरफ से आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ता है, लेकिन वे इन सभी बातों की परवाह किए बगैर दिल्ली सरकार पर हमलावर रहते हैं। इसी कड़ी में प्रियंक कानूनगो ने आम आदमी पार्टी शाषित राज्य पंजाब में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने की वजह दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को लेकर केजरीवाल सरकार सहित भगवंत मान पर जमकर निशाना साधा है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है।

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आपको बता दें कि प्रियंक कानूनगो ने कहा कि पंजाब में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने की वजह से दिल्लीवासियों को प्रदूषण के कहर का शिकार होना पड़ रहा है। राजधानी दिल्ली की आबोहवा पूरी तरह प्रदूषित हो चुकी है। आलम यह है कि बच्चों का स्कूल जाना तक दुभर हो चुका है। स्थिति इस कदर गंभीर है कि बच्चों के स्कूल बंद करवाने पड़ रहे हैं। कुछ माह बाद बच्चों की परीक्षाएं नियत की गई हैं, लेकिन अब बढ़ते प्रदूषण की वजह से उन्हें स्कूल जाने से महरूम होना पड़ेगा, लेकिन दिल्ली सरकार को इन सभी से कोर्ई फर्क नहीं पड़ रहा है। प्रियंक कानूनगो ने आगे कहा कि जिस जगह में खड़ा हूं, वहां किसान पराली जलाने को मजबूर हैं। किसानों के पास पराली से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए विकल्प तक नहीं है।

प्रियंक कानूनगो ने आगे कहा कि यूं तो दिल्ली सरकार राजधानी में प्रदूषण को खत्म करने की दिशा में कई कदम उठाने के दावे करती हैं, लेकिन इन दावों का जमीन पर कोई असर नहीं दिख रहा है। जिसका दुष्परिणाम किसी और को नहीं, ,सिर्फ और सिर्फ दिल्लीवासियों को बढ़ते प्रदूषण के रूप में झेलना पड़ रहा है। बता दें कि राजधानी दिल्ली में दीवाली के बाद प्रदूषण का स्तर अपने चरम पर पहुंच चुका है। ऐसी स्थिति में अब आगामी दिनों में सरकार क्या कुछ कदम उठाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।