नई दिल्ली। लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान आज प्रियंका गांधी ने अपनी पहली स्पीच दी। प्रियंका ने केंद्र सरकार और बीजेपी को घेरते हुए जमकर निशाना साधा। मगर प्रियंका अपने भाषण के दौरान हिमाचल प्रदेश का जिक्र करते हुए कुछ ऐसा बोल गईं कि बीजेपी को मुद्दा मिल गया। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर प्रियंका का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि वायनाड सांसद में भी उनके भाई राहुल गांधी की तरह ही जागरूकता की कमी है। राजनीतिक सर्कस तो अभी शुरू हुआ है।
Priyanka Gandhi criticized the Himachal Pradesh government, seemingly unaware that her own party, the Congress, is in power there.
This isn’t driven by any noble intent—it’s just another example of her lack of awareness, much like her brother Rahul Gandhi.
The political circus… pic.twitter.com/nGWVzVHqX3— Amit Malviya (@amitmalviya) December 13, 2024
दरअसल प्रियंका अपने भाषण के दौरान कहती हैं कि आज हिमाचल में देखिए, जितने भी कानून बने हैं वो बड़े-बड़े उद्योगपतियों के लिए बने हैं। हिमाचल में जो सेब उगता था उसको उगाने वाले छोटे-छोटे किसान आज रो रहे हैं क्यों कि एक व्यक्ति के लिए सब कुछ बदला जा रहा है। अब चूंकि हिमाचल में कांग्रेस की ही सरकार है तो बीजेपी ने तुरंत इस मुद्दे को लपक लिया। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने प्रियंका पर पलटवार करते हुए लिखा, कांग्रेस की सांसद ने हिमाचल प्रदेश सरकार की आलोचना की, वे इस बात से अनभिज्ञ थीं कि उनकी अपनी पार्टी, कांग्रेस ही वहां सत्ता में है। यह किसी नेक इरादे से प्रेरित नहीं है, यह उनके भाई राहुल गांधी की तरह ही जागरूकता की कमी का एक और उदाहरण है। राजनीतिक सर्कस तो अभी शुरू ही हुआ है।
हमारे देश में संवाद और चर्चा की हजारों साल पुरानी परंपरा रही है।
ये परंपरा हर धर्म, दर्शन ग्रंथों, वेदों और उपनिषदों में दिखती है। वाद-संवाद हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है।
इसी परंपरा से हमारा स्वतंत्रता संग्राम निकला था, जो अहिंसा और सत्य पर आधारित था। ये एक बेहद लोकतांत्रिक… pic.twitter.com/GH4X8ZCPrN
— Srinivas BV (@srinivasiyc) December 13, 2024
प्रियंका ने अपने भाषण में कहा कि हमारे देश में संवाद और चर्चा की हजारों साल पुरानी परंपरा रही है। ये परंपरा हर धर्म, दर्शन ग्रंथों, वेदों और उपनिषदों में दिखती है। वाद-संवाद हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है। इसी परंपरा से हमारा स्वतंत्रता संग्राम उपजा था, जो विश्व में एक अनोखी लड़ाई थी जो अहिंसा और सत्य पर आधारित थी। ये एक बेहद लोकतांत्रिक लड़ाई थी। इसमें देश के किसान, मजदूर, बुद्धिजीवी चाहे किसी भी जाति, धर्म, मजहब के हों सभी ने मिलकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी। इसी आजादी की लड़ाई से देश में एक आवाज उठी, जो हमारा संविधान है। ये साहस और हमारी आजादी की आवाज थी, उसी की गूंज हमारे संविधान को लिखा और बनाया।