नई दिल्ली। सोमवार को कांग्रेस (Congress) को बड़ा झटका लगा है। दरअसल पुडुचेरी विधानसभा में कांग्रेस अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई है। स्पीकर ने ऐलान किया कि सरकार के पास बहुमत नहीं है। इसके बाद मुख्यमंत्री वी नारायणसामी (CM V.Narayanasamy) की विदाई तय हो गई है। विधानसभा में बहुमत खोने के बाद मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। गौरतलब है कि विधानसभा में कांग्रेस के पास उसके 9 विधायकों के अलावा 3 डीएमके और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन था। कांग्रेस के पास 12 विधायकों का समर्थन था, जबकि विधानसभा की वर्तमान स्थिति के मुताबिक उसे बहुमत के लिए 14 विधायकों का समर्थन होना चाहिए था।
Puducherry CM V.Narayanasamy loses trust vote in Assembly, government falls pic.twitter.com/iFVE9g7jvf
— ANI (@ANI) February 22, 2021
बता दें कि सोमवार को पुडुचेरी में कांग्रेस का भविष्य निर्धारित करने के लिए एक दिन का विशेष सत्र शुरू हुआ। मुख्यमंत्री नारायणसामी ने सदन में विश्वास मत प्रस्ताव प्रस्ताव पेश किया। इस दौरान नारायणसामी ने सदन को बताया कि उनकी सरकार के पास बहुमत है। वहीं पुडुचेरी की नवनियुक्त उप राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया। लेकिन स्पीकर ने सरकार के अल्पमत में होने की बात कबूल ली।
फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “भाजपा भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को पटरी से उतारने का काम कर रही है। पुडुचेरी में जो हो रहा है वह राजनीतिक वेश्यावृत्ति है, लेकिन जीत सच्चाई की होगी।”
इतना ही नहीं नारायणसामी ने पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी और केंद्र पर विपक्ष के साथ मिलकर उनकी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया। बता दें कि पिछले 1 महीने में उनकी सरकार के 6 विधायकों द्वारा इस्तीफा देने के बाद नारायणसामी की सरकार अल्पमत में आ गई थी। इन विधायकों को लेकर उन्होंने कहा था कि इस्तीफा देने वाले विधायक लोगों का सामना नहीं कर पाएंगे क्योंकि लोग उन्हें अवसरवादी कहेंगे।
बता दें कि तेलंगाना के राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने 18 फरवरी को पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार संभालने के बाद मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद रविवार को 2 और विधायकों द्वारा इस्तीफा देने के बाद सत्तारू ढ़ गठबंधन की 30 सदस्यीय विधानसभा में संख्या केवल 12 बची थी।